By 121 News
Chandigarh, Feb.14,2025:-संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल प्रौद्योगिकी पर तीसरा एनआईईएलआईटी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार 14 फरवरी को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़, पंजाब में आयोजित किया गया। दो दिनों तक चलने इस सम्मेलन दुनिया भर के शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योग पेशेवरों और छात्रों के एक विविध समूह हिस्सा ले रहा है, ताकि अत्याधुनिक सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकी ( आईईसीटी) क्षेत्रों में ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यातिथि के तौर पर डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी, निदेशक, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) मोहाली ने शिरकत की, जिन्होंने अपने मुख्य भाषण में सामाजिक विकास के लिए तकनीकी नवाचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलनों, बैठकों या विचारोत्तेजक चर्चाओं के माध्यम से हम प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
एनआईईएलआईटी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति और एनआईईएलआईटी के महानिदेशक डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी ने प्रौद्योगिकी परिदृश्य में उभरते अवसरों और चुनौतियों तथा नाइलिट की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एनआईईएलआईटी का लक्ष्य है कि छात्र अपनी स्नातक पढ़ाई के दौरान ही उत्पाद बनाना शुरू कर दें और एनआईईएलआईटी ने इस पर पहले ही काम कर लिया है तथा इंटेल के साथ मिलकर नोएडा में इंडियाएआई लैब की स्थापना की है। "इसकी शानदार सफलता के बाद एनआईईएलआईटी पूरे भारत में ऐसी 27 और इंडियाएआई लैब स्थापित करने जा रहा है, जो देश में एआई प्रशिक्षण का केंद्र बनेंगी।
एनआईईएलआईटी अगले साल एआई में इनटेल के साथ मिलकर एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया बीटेक प्रोग्राम भी शुरू करने जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में, एनआईईएलआईटी ने पहले ही टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और गुवाहाटी में उनकी ओएसएटी सुविधा के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया है। एनआईईएलआईटी छात्रों को ऑन-जॉब औद्योगिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए उद्योग के बगल में अपना विश्वविद्यालय परिसर स्थापित कर रहा है। एनआईईएलआईटी गुवाहाटी, तिरुपति और भुवनेश्वर में उद्योग केंद्रों के पास अपना परिसर खोल रहा है। एनआईईएलआईटी ने स्काईट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं और एयरोस्पेस के क्षेत्र में उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल जनशक्ति प्रदान करने जा रहा है।
रोपड़ के डीसी हिमांशु जैन ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सम्मेलनों के माध्यम से हमें छात्रों, लेखकों और शोधकर्ताओं द्वारा व्यक्तियों की क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके विकसित किए गए नवीनतम उपकरणों के बारे में पता चलता है। उन्होंने बताया कि इस तरह के सम्मेलनों में भाग लेना हमेशा खुशी की बात होती है क्योंकि वे डिजिटल क्षेत्र में नवीनतम घटनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि वह स्वयं स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनबाड़ी आदि सहित विभिन्न डोमेन या विभागों द्वारा उत्पन्न डेटा पर डेटा विज़ुअलाइज़ेशन टूल का उपयोग करते हैं।
सम्मेलन में इंटेल के चीफ प्रीसेल्स सॉल्यूशन आर्किटेक्ट आनंद कुलकर्णी, ग्लोबल फाउंड्रीज, सिंगापुर के पूर्व निदेशक वी. रामकृष्णन, सेमी-कंडक्टर लिमिटेड के महानिदेशक डॉ. कमलजीत सिंह और सी-डैक मोहाली के निदेशक वी. के. शर्मा ने पैनल सत्र को संबोधित किया।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर चर्चा: "डिजिटल समावेशन में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की भूमिका" पर एक विचारोत्तेजक सत्र में सार्थक संवाद को बढ़ावा दिया गया तथा डिजिटल समावेशन के लिए सहयोगात्मक रणनीतियां प्रस्तावित की गई।
शोध प्रस्तुतियां: दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान 120 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं। पहले दिन विभिन्न तकनीकी ट्रैकों में 60 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें शामिल हैं।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा एनालिटिक्स
- साइबर सुरक्षा, फोरेंसिक, नेटवर्क और मोबाइल सुरक्षा
- उन्नत कंप्यूटिंग - क्लाउड कंप्यूटिंग, एज कंप्यूटिंग और क्वांटम कंप्यूटिंग
- ब्लॉकचेन और वेब टेक्नोलॉजीज
- वीएलएसआई, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, IoT, माइक्रोवेव, एंटीना और संचार
- भविष्य के अनुप्रयोगों के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजीज
- दिव्यांगजनों के लिए सहायक तकनीक
- वैश्विक भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए डिजिटल कौशल की रणनीति
इंटरैक्टिव सत्र और नेटवर्किंग अवसर: प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया और भविष्य के अनुसंधान सहयोग के लिए योजना तैयार की गई।
उद्योग और एनआईईएलआईटी प्रदर्शनियां: विभिन्न उद्योगों, क्षेत्रीय प्रायोजकों और एनआईईएलआईटी केंद्रों की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लगाए गए, जिन्होंने काफी ध्यान आकर्षित किया।
एनआईसीईडीटी-2025 का दूसरा दिन भी खास रहेगा, जिसमें "कार्यबल परिवर्तन, नौकरियों पर एआई का प्रभाव" पर पैनल चर्चा और अतिरिक्त शोध प्रस्तुतियां शामिल हैं। सम्मेलन में आईईसीटी के भविष्य को आकार देने में डिजिटल नवाचार, टिकाऊ प्रौद्योगिकी सहयोग के महत्व पर जोर दिया जाता है।
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