Pages

Saturday, 4 May 2024

प्राचीन कला केन्द्र के छात्रों ने शास्त्रीय संगीत की दी मधुर प्रस्तुतियां

By 121 News
Chandigarh, May 04, 2024:-प्राचीन कला केन्द्र की विशेष सांगीतिक संध्या में परंपरा श्रृंखला के तहत सैक्टर 35 स्थित एम.एल.कौसर सभागार में केंद्र के छात्रों द्वारा शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां पेश की गई । केंद्र में कार्यरत सधी हुई संगीत शिक्षिका डाॅ. शिम्पी कश्यप के निर्देशन में छात्रों ने अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन करके खूब तालियां बटोरी । इसमें 5 से 40 वर्ष तक के छात्रों ने भाग लिया । विभिन्न  प्रस्तुतियों से सजे इस कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई ।

 जिसके बोल थे ''मां शारदे वीणा वादिनी'' उपरांत नन्हें कलाकारों द्वारा एक सुंदर गीत ''गा सुंदरं,रे सुंदरं,माँ  भी सुंदरं'' है पेश किया गया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । इसके बाद  किशोरावस्था के बच्चों द्वारा एक मधुर राम भजन " ठुमक चलत रामचंद्र बाजे पायलिया " प्रस्तुत किया गया जिसको इन नन्हे कलाकारों ने बेहद संजीदगी से प्रस्तुत करके अपने गुरु के ज्ञान  को बखूबी प्रदर्शित किया  इसके बाद युगल गायन में श्री योधिंदर सिंह तथा रजनी गुप्ता ने राग यमन पर आधारित रचना ''नमन कर मन गुरु चरणनन  को"  प्रस्तुत की उपरांत फाल्गुनी पालीवाल ने एकल रचना में मीरा भजन पेश करके तालियां बटोरी।  कार्यक्रम के अंतिम भाग में बांग्लादेश से आयी शौरिन शेख  जोकि आईसीसीआर की स्कालरशिप के अंतर्गत केंद्र में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं , ने चैती लोकगीत पेश किया जिसके बोल थे चैत मास बोले  रे कोयलिया।  इस मधुर प्रस्तुति ने  दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।  कार्यक्रम के अंत में एकल प्रस्तुति पेश की गयी जिसमें पियूष मिश्रा  द्वारा राग पटदीप पर आधारित रचना "आ शरण शरण नाम सुनी दीन आया प्रस्तुत करके पानी कला का प्रदर्शन किया।   डाॅ.शोभा कौसर ने छात्रों एवं गुरू की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये युवा कलाकार देश की संस्कृति की धरोहर को प्रफुल्लित करने का काम बखूबी कर रहे हैं । प्राचीन कला केंद्र द्वारा उभरती प्रतिभाओं को मंच देने के साथ साथ युवा छात्रों को  सांगीतिक अभ्यास और रियाज़ में  सधे  हुए गुरुओं के सानिध्य में  प्रफुल्लित करकेकला एवं संगीत की अमूल्य सेवा कर रहा है।

No comments:

Post a Comment