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Saturday, 8 July 2023

रत्नत्रय धर्म समस्त देवेन्द्रों से पूज्ज्नीय है: आचार्य श्री सुबल सागर जी महाराज

By 121 News
Chandigarh, July 08, 2023:-धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि जो सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यग्चरित्र समस्त इंद्रो और असुरेन्द्रों द्वारा पूजित है। यही रत्नत्रय मुक्ति का अद्वितीय कारण है और भूतकाल,भविष्यकाल और वर्तमानकाल तीनों कालों में इस रत्नत्रय से सहित जीव पूज्ज्नीय हैं। और तीनों लाेकों को प्रकाशित करने वाला है इस रत्नत्रय धर्म को साधु महाराज लोग शरीर के स्थिर रहने पर ही धारण करते है अर्थात शरीर की स्वस्थता होने पर ही रत्नत्रय धर्म की स्वस्थता कही गई है।
शरीर की स्वस्थता बनाऐ रखने के लिए साधु महाराज सद्गृहस्थों को यहां आहार के लिए नवधा भक्ति पूर्वक जाते हैं। उन गुणों से सहित गुणवान महाराज को आहार करने वाले व्यक्ति सद्गृहस्थ श्रावक भी सबके प्रिय होते हैं।
श्रावक गृहस्थ अवस्था में जिनेंद्रो की अर्थात जिन्होंने इन्द्रियों और कषायों को जीत लिया उनकी आराधना भक्ति करता है दिगम्बर गुरुओं के प्रति विनय युक्त व्यवहार किया करते है। धर्मात्मा पुरुषों के साथ अतिशय वात्सल्य भाव रखते हैं। पात्रों को दान देते हैं तथा पीड़ित प्राणियों के प्रति दया बुद्धि रखते हैं जिनवाणी अर्थात धार्मिक पुस्तकों का पठन-पाठन करते हैं अपने व्रतों नियमों में तल्लीन रहते हैं निर्मल सम्यग्दर्शन को धारण करते हैं ऐसी यह गृहस्थ अवस्था विद्वानो के पूज्ज्नीय मानी गई।
सायं कालीन बेला में श्री 1008 भक्तामर स्तोत्र दीपार्चना का आयोजन कल से चालू हो गया है। कल की दीप अर्चना सुरेंद्र कुमार , श्रीमती सुषमा जैन अमरावती बालों की तरफ से हुई आप सभी लोग साय:7:00 बजे श्री दिगंबर जैन मन्दिर सेक्टर 27बी चंडीगढ़ में
 इस आयोजन में सम्मिलित होकर अतिशय पुण्य का लाभ लें।
यह जानकारी श्री धर्म बहादुर जैन ने दी।*ल

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