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Monday, 30 May 2022
भाजपा चंडीगढ़ का तीन दिवसीय जिला प्रशिक्षण शिविर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घडूयां में आयोजित
धूम्रपान जीवन अवधि को छोटा करता है: डॉ.जफर इकबाल
तंबाकू से संबंधित उत्पादों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के आयोजन का थीम ''टोबैको इज किलिंग अस एंड अवर प्लेनेट (तंबाकू हमें और हमारे ग्रह को मार रहा है) है।
स्वास्थ्य के मुद्दे पर जागरूकता पैदा करने पर जोर देते हुए, डॉ जफर ने कहा कि फोर्टिस मोहाली में, हम पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और पश्चिमी यूपी से तंबाकू के सेवन से प्रभावित रोगियों को प्राप्त करते हैं। एक सिगरेट पीने से हमारी जिंदगी के करीब 10 मिनट तक कम हो सकते हैं। धूम्रपान स्लिटबर्थ यानि जन्म के समय मृत शिशु, बांझपन और नपुंसकता से भी जुड़ा हुआ है।
उन्होंने बताया कि तंबाकू में निकोटिन होता है जो दिमाग में डोपामिन रिलीज करता है, जिससे यह नशे की लत बन जाता है। इसके सेवन में सिगरेट धूम्रपान, गुटखा, बीड़ी आदि शामिल हैं जो शरीर में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का अवशोषण करते हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन से खांसी, सांस फूलना, सीने में दर्द, निगलने में कठिनाई, थूक में रक्त, भूख और वजन में कमी, आवाज की गुणवत्ता में बदलाव, मूत्र संक्रमण आदि जैसे लक्षण होते हैं। तंबाकू से संबंधित उत्पादों के उपयोग से फेफड़े, मुंह, जीभ, अन्नप्रणाली, पेट, अग्न्याशय, आंतों, मलाशय, मूत्राशय और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर, रक्त कैंसर, सीओपीडी से संबंधित सांस लेने में समस्या, स्ट्रोक, हृदय रोग, दंत और दृश्य समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ. जफर बताया कि व्यक्तिगत स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास इस प्रथा को रोकने में काफी मददगार हो सकते हैं। उनका कहना है कि एक दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता एक व्यक्ति को धूम्रपान छोडऩे और तंबाकू उत्पादों का सेवन करने में मदद कर सकती है। फोर्टिस मोहाली इस संबंध में लोगों को मेडिकल केयर और कंसल्टेशन प्रदान करता है।
सावधानी बरतने संबंधित सलाह देते हुए, डॉ जफर ने कहा कि जो लोग धूम्रपान करना जारी रखते हैं या लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं, उन्हें कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के लिए अपनी जांच करवानी चाहिए। लक्षणों के सामने आने का इंतजार न करें। नियमित फॉलो-अप प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता लगाने में मदद कर सकता है।
सैनोसन ने नेचुरल इनग्रेडिएंट्स पर आधारित बेबी केयर सोप भारत में किया लांच
गरुड़ एयरोस्पेस के फाउंडर एवं सीईओ अग्निश्वर जयप्रकाश का नरेंद्र मोदी को खुला पत्र
सोमवती अमावस्या उपलक्ष्य पर मार्किट वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 42 ने लगाया लँगर
Saturday, 28 May 2022
जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. विक्रम शाह द्वारा सफलतापूर्वक की गई
Session on Mental Health Issues Faced by Journalists organized by Facebook and Fortis Healthcare
This was the conclusion of the Training Session on Mental Health of Journalists organized by Facebook ( Meta ) with the active help of Fortis Health organized today at Chandigarh. The session gave insights and tips on how to manage one's mental health and help other colleagues and friends who may be suffering with mental stress.
The session started with an address by Ramya Venugopal from News Media Partnership of Facebook and Trushar Barot, Strategic Partner Development at Meta. Ramya welcomed and introduced the subject and concept of organising this training session for media persons.
Independent journalist Pamposh Raina was the moderator of this engrossing session, she welcomed the delegates to the session. In her address she said that the work of a journalist can have a big impact on his or her mental health as journalists face tight deadlines and remain under great work pressure. Journalists are the ones who are always first to be present at the scene of traumatic events for reporting and throughout their work schedule they continuously deal with online videos and graphic digital images. That is why; this first of its kind brainstorming session was organized in the city, beautiful for the media fraternity.
The session today was well attended by about 100 plus members from the media fraternity from Tricity region and Mass communication students from Chitkara University and Chandigarh Group of Colleges. Directors, Vox Foundation Sh Avinash Kalla, Jameel Ahmed Khan were also present on the occasion. News portal babushahi.com also played an instrumental role in organizing this insightful session.
The main session which lasted for 2 hours was conducted by Dr. Samir Parikh an eminent Psychiatrist and TEDx speaker who has been working in the field of mental health for over the past two decades and presently Dr. Samir Parikh is the Director of the Fortis National Mental Health Program. He was accompanied by Dr. Kamna Chhibber, a trained therapist and Head of Department of Mental Health and Behavioural Sciences at Fortis Healthcare and Dr Divya Jain.
Sharing his overview Dr. Samir Parikh said that the way for physical health we believe that prevention is cure by changing our eating habits, lifestyle etc, its high time the same principle is applied for mental health also. For which we need to equip ourselves to identify mental stress at early stages and to do that we should never hesitate to seek help and reach out to a professional immediately instead of continuing to be treated as taboo.
In the end Dr. Kamna Chhibber and Dr Divya Jain together answered the various queries raised by the journalist.
समाजसेवी संस्था द लास्ट बेंचर्स ने लगाया कढ़ी चावल का लँगर
जसबीर सिंह बंटी ने वार्ड में लगाया फ्री हेल्थ चेक अप कैम्प:
समाजसेवी संस्था द लास्ट बेंचर्स ने लगाया कढ़ी चावल का लँगर
Friday, 27 May 2022
जुगजुग जियो के सॉन्ग का प्रमोशन करने चंडीगढ़ पहुँचे वरुण धवन और कियारा आडवाणी
Obesity & Diabetes Support Group Meet organized by Dr Amit Garg
The idea behind organizing such a meet was to provide an ecosystem to the diabetic & obese people so that they can interact with others who have been facing the same obesity challenges and help them understand the benefits of bariatric surgery and other treatment procedures to overcome the disease.
The support group meet comprised of a three hour structured program with sessions on understanding diabetes and obesity, why problem is increasing rampantly, how life style modification can help, what is metabolic surgery etc, The meeting was beneficial for morbid obese, type 2 diabetics, diabetics with obesity, obese with hypertension, sleep apnea patients or other patients suffering with co morbidities. Around 45 participants including patients successfully operated in the past attended this obesity support group meet. Biggest Weight loss Achievers were also awarded at this support group meet.
Speaking on the occasion Dr Amit Garg said that Obesity is an increasingly common condition in the modern era. Lack of proper exercise, irregular eating habits, an overall unhealthy lifestyle, etc., contributes to the growing obesity rates. He said that Obesity comes with significant emotional and psychological stress. He added that Bariatric surgery, by enabling sustained weight loss, corrects most negative emotions harbored by patients. However, some patients who are struggling with obesity and patients after Bariatric surgery too may feel a different type of emotional stress as they disassociate themselves with the old food habits and lifestyle. Thus, this Support Group Meet was also focused on stress over eating and managing emotions to sustain weight-loss after surgery.
Many patients who have undergone bariatric/ metabolic surgery also shared their stories in this meeting. Dr Amit Garg and his team took queries from the patients. He also informed that these support group meets are free of charge and open to patients as well as other people who are struggling with obesity and problems related to obesity. Prior registration is mandatory to attend obesity support group meetings.
Plantation Drive Held by Budo Kai Do Mixed Martial Arts Federation
लक्ष्मी फाउंडेशन ने मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता अभियान की शुरुआत की
सी आर बी स्कूल के छात्रों ने चंडीगढ़ स्टेट कराटे चैंपियनशिप में सिल्वर और ब्रोंज मैडल किया हासिल
Thursday, 26 May 2022
PokerBaazi.com पर भारत के सबसे बड़े पोकर टूर्नामेंट - एंडबॉस का 2022 संस्करण पूरा हुआ
अब मोबाइल एप “भारत क्लेम्स” के जरिये करें मुफ्त एवं अज्ञातबीमा का दावा
By 121 News
Chandigarh, May 26, 2022:-सभी भारतीयों को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, बैंक खातों, पी एफ खातों, गैस सिलेंडर एवं सरकारी योजनाओं, जैसे- पी एम जीवन सुरक्षा बीमा योजना,जीवन ज्योति बीमा योजना, पी एम गरीब कल्याण योजना आदि पर मुफ्त बीमा की सुविधा है, मगर जागरूकता की कमी के चलते परिवार में मृत्यु होने पर नामांकित व्यक्ति बीमा राशि प्राप्त करने में सक्षम नहीं होता है। गौरतलब है कि इन मुफ्त बीमाधारकों में कोरोना से लड़नेवाले स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं।
जिसके लिये अब मोबाइल एप "भारत क्लेम्स" समाधान के रास्ते लेकर आया है। इस ऐप के जरिये कई नामांकितों ने मुफ्त बीमा पर अपना दावा प्राप्त किया है।
जैसे कि हाल ही में रमेश चन्द्र (परिवर्तित नाम) के भाई की मृत्यु बीमारी की वजह से हो गई जिसके कारण परिवार आर्थिक संकट में था। रमेश अपने दोस्त से मिला जो बीमा एजेंट था। उससे मोबाइल एप भारत क्लेम्स की जानकारी मिली और रमेश ने अपने भाई के आधार को इस एप पर अपलोड कर दिया।
एक महीने के भीतर ही परिवार को 7 लाख रुपये का दावा प्राप्त हुआ क्योंकि मृतक ने मुंबई में एक कंपनी के लिए काम किया था। उसके पास अपने पीएफ खाते के साथ एक बीमा पॉलिसी थी, जिसकी जानकारी नामांकित व्यक्ति और परिवार को नहीं थी। 'भारत क्लेम्स' ने बीमाकर्ता पर दावे के निपटान के लिए दबाव डाला और इस प्रक्रिया को आसान बनाया।
अब भारत क्लेम्स भारतीयों के जाने-अनजाने बीमा पॉलिसियों का दावा करने के तरीकों को सुलभ करने के लिए तैयार है। दुनिया के इस पहले भारतीय तकनीक आधारित एप ने ज्ञात- अज्ञात, मुफ्त अथवा प्रीमियम भुगतान बीमा नीतियों का दावा करने के तरीकों से भारतीय उपभोक्ताओं का परिचय कराया है।
बीमा क्षेत्र में सरकारी आंकड़ों की बात करें तो इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन(IBEF) के अनुसार, वर्ष 2019 से 2023 के बीच जीवन बीमा उद्योग के 5.3% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2021 में भारत की बीमा पहुंच4.2% थी, जिसमें जीवन बीमा 3.2% और गैर-जीवन बीमा की पहुंच 1.0% थी।
भले ही सरकारी आंकड़े बीमा उद्योग की पहुंच को बढ़ाने की बात कर रहे होंमगर बीमा पॉलिसियों की जटिलताओं को लेकर सामाजिक उद्यमी एवं भारत क्लेम्स के एम डी श् कविंदर खुराना कहते हैं कि "ऐतिहासिक रूप से भारत को बीमा क्षेत्र में भरोसे की कमी का सामना करना पड़ा है, जिससे उपभोक्ता की पैठ बहुत कम है। इसका मूल कारण जटिल और अनिश्चित दावा निपटान प्रक्रिया है। इसे आसान बनाते हुए 'भारत क्लेम्स' मोबाइल ऐप को बनाया गया है। मुफ्त एवं अज्ञात बीमा की जानकारी लेकर उनपर दावा करने के रास्ते को आसान बनाने वाले मोबाइल एप भारत क्लेम्स को आखिरकार प्रत्येक भारतीय उपभोक्ता डाउनलोड करेगा।
उन्होंने कहा कि इस बीमा तकनीक का विचार 2021 में उत्पन्न हुआ। जिसके लिये विशेषज्ञों की एक टीम ने 'भारत क्लेम्स' को विकसित किया और उसी वर्ष, अपने प्रायोगिक चरण में ही 250 परिवारों के लिए कुल 8 करोड़ रुपये के दावों की सुविधा प्रदान की गई। इसी क्रम में अब गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में हजारों परिवार 'भारत क्लेम्स' के माध्यम से अपना दावा प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं।
कविंदर खुराना ने आगे कहा कि यह सबसे बड़ी बीमा तकनीक सुविधाहै। जरा सोचिये कि आप भारत क्लेम्स मोबाइल ऐप के साथ अपने प्रिय एवं करीबी परिवार के मृत सदस्य के मुफ्त अथवा अज्ञात बीमा का दावा करने के लिए मदद कर सकते हैं। हम सभी भारतीयों से अनुरोध करेंगे किउनके मुफ्त एवं अज्ञात बीमा सुविधा को जानने एवं अपने परिवार के नामांकित सदस्यों के दावे के लिये इस ऐप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करें।
दरअसल, बीमा क्षेत्र में देरी और दावों की अस्वीकार्यता आम बात है। इसका मुख्य कारण 1.4 अरब आबादी वाले देश में बीमा की कम पहुंच भी है। ऐसे में 'भारत क्लेम्स' एक क्लिक के साथ आसान बीमा दावों को लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना सुनिश्चित करता है।
इस संबंध में भारत क्लेम्स के सीईओ हितेश सैनी कहते हैं कि सरकारअपनी बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से, क्रमशः 12 रुपये और प्रधान मंत्री जीवन सुरक्षा एवं प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनाओं के लिए प्रीमियम के रूप में प्रति खाताधारक 330, रुपये एकत्र करती है। यह प्रीमियम संग्रह प्रति वर्ष 60 करोड़ रुपये को पार कर गया है। ऐसे में हमने देखा कि लोगों को उनके ज्ञात-अज्ञात और मुफ्त बीमा दावों को समय पर बिना किसी परेशानी के प्राप्त करने के लिए एक तकनीकी-सक्षम तंत्र प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है। जिसके लिये हमने पिछले 3 वर्षों केप्रयासों के साथ इस ऐप को विकसित किया है, जिसे अब कोई भीGoogle Play Store से डाउनलोड कर सकता है। उन्होंने कहा कि "आधार कार्ड एवं अन्य विवरण अपलोड करने के बाद, हम उपयोगकर्ता को सभी मुफ्त और अज्ञात बीमा पॉलिसियों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।किसी की मृत्यु के मामले में, हम उनके परिवार और आश्रितों के लिए त्वरित दावों की सुविधा प्रदान करते हैं ।
बीमा को लेकर उपभोक्ताओं के सामने कई चुनौतियाँ हैं। पॉलिसी को डिकोड करने और प्रीमियम की याद दिलाने के लिये कोई भी पॉलिसी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म का नहीं होना एक बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही बीमा के लिये सरकार द्वारा जारी किये गये भुगतान के बारे में अब तक जागरूकता की कमी भी एक बड़ी समस्या है।
इसे लेकर सी ई ओ हितेश सैनी आगे कहते हैं कि भारत क्लेम्स मोबाइल एप सभी संबंधित एवं और अव्यवस्थित सरकारी डेटा बेस को एक प्लेटफॉर्म में एकीकृत करता है जो केवल आधार नंबर या आधार स्कैन द्वारा पॉलिसी विवरण प्रदान कर सकता है। मुफ्त बीमा का दावा करने से लेकर दावा निपटान में विशेषज्ञ सहायता प्रदान करने तक, भारत क्लेम्स अपनी तरह के पहले वन-स्टॉप टेक प्लेटफॉर्म के रूप में सभी भारतीयों के सामने है।
इसलिए, यदि उपभोक्ताओं को अपनी बीमा पॉलिसियों और दावा निपटान के संबंध में किसी भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, तो अपने मोबाइल पर 'भारत क्लेम्स' के साथ उन्हें आसानी से समाधान मिल सकता है।
इसके साथ ही यह एप उपभोक्ताओं को लिये बीमा स्कोर (सिबिल) जैसीमहत्वपूर्ण सुविधा भी लेकर आया है, जिससे उपभोक्ता को अपने भविष्य के पॉलिसी प्रीमियम पर छूट मिल सके। यही नहीं, अस्पताल में भर्ती होने के दौरान प्रतिपूर्ति दावों के मामले में तत्काल वित्तपोषण भी भारत क्लेम्स मोबाइल ऐप के माध्यम से संभव है। इसके साथ ही तीसरे पक्ष के बीमा दावों के मामले में भी यदि उपभोक्ता को समस्या होती है, तब 'भारत क्लेम्स'सहायता के लिए मौजूद है।