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Friday, 9 April 2021

शहर की छवि को पुनस्र्थापित करने की आवश्यकता: विशेषज्ञ

By 121 News

Chandigarh April 09, 2021:- प्रोसेस ऑफ चंडीगढ़: टेकिंग फारवर्ड लीगेसी ऑफ ली कार्बूजिअर एंड पियरे जीनरनेट विषय पर त्रिकोणीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

एक्ट! चंडीगढ़ तथा साकार फाउंडेशन द्वारा आयोजित त्रिकोणीय वेबिनार श्रृंखला को स्वीस डिपलोमेटिक रिप्रेजेंटेशनस इन इंडिय, ली कार्बूजिअर फाउंडेशनए पेरिस, चंडीगढ़ एंड पंजाब चैप्टर ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स, फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया एसोचैम-जीईएम द्वारा समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा क्षेत्र के लगभग एक दर्जन आर्किटेक्चुअल इंस्टिच्यूटस तथा रिसर्च ऑगेनाइजेशनस महीने भर चलने वाले इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं।

वेबिनार ने शहर से संबंधित कुछ प्रासंगिक सवाल उठाए, जैसे कि चंडीगढ़ क्षेत्र के स्थायी भविष्य के लिए क्षेत्रीय समन्वय महत्वपूर्ण है? वक्ताओं ने यह भी विचार किया कि शहर के भीतर नियोजित वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए वैधानिक प्रक्रियाओं की क्या आवश्यकता है और अगर यूटी के लिए चीफ कमीशनर शहर के दीर्घकालिक मुद्दों को आगे बढ़ाने में अधिक प्रभावी होगा। इसके अलावा, विशेषज्ञों ने इस बात पर भी चर्चा की कि क्या वास्तव में बढ़ते शहर पर सीमाएं लगाई जा सकती हैं।

वेबिनार शीर्षक- फंगशनिंग ऑफ सिटी, प्रसिद्ध आर्किटेक्ट एसडी शर्मा ने इस विश्व प्रसिद्ध शहर की छवि और सुंदरता को बचाने के लिए सभी के लिए एक भावुक अपील के साथ सत्र की शुरूआत की। उन्होंने उल्लेख किया कि इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए एक बेहतर रूपरेखा की आवश्यकता है क्योंकि शहर में मौजूद हैरिटेज कमेटियां आज असहाय है।

यूटी प्रशासक के पूर्व सलाहकार, जगदीश सागर ने चंडीगढ़ एडमिनीस्ट्रिेटिंग पर अपने अनुभवों को साझा किया और कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान भी चंडीगढ़ शहर बहुत दूर था, लेकिन इसकी कल्पना नहीं की गई थी।
मिनिस्ट्री ऑफ हाऊसिंग एंड अर्बन अफेयर्स (एमओएचयूए), नई दिल्ली के प्लेनर आर श्रीनिवास ने क्षेत्रीय समन्वय(रीजनल कॉर्डिनेशन) के बारे में वक्ताओं को मंत्रालय के दृष्टिकोण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 1975 में समन्वय समिति की स्थापना और 2016 में अंतिम बैठक के बाद से अब तक 27 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। क्षेत्रीय स्तर पर मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है।

शहर के निवासियों की आवाज में, इंजीनियर विनोद वशिष्ठ, कंवीनर, सीएफओआरडब्ल्यू ने जोर देकर कहा कि यहां एक बेहतर व्यावहारिक लोकतांत्रिक मॉडल विकसित करने की आवश्यकता है।

शहर के एक वकील अजय जग्गा ने शहर की चल और अचल विरासत को सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और मुद्दे के कानूनी पहलुओं के साथ अपनी व्यक्तिगत भागीदारी से अनुभव साझा किए।

चितकारा यूनिवर्सिटी, पंजाब के डिप्टी डीन डॉ हरवीन भंडारी ने वेबिनार पर हुए चर्चा को संक्षेप में प्रस्तुत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह इंटरफ़ेस हमारे शहर को पहले से बेहतर बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। पहले दिन इस वेबिनार ने लिगेसी एंड विजन 'ने वर्तमान शहर की पृष्ठभूमि पर ध्यान केंद्रित किया।

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