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Sunday, 7 July 2013

श्रोता सिर्फ गायक को ही पहचानता है,गीतकार को नहीं :गीतकार कुमार

By 1 2 1 News Reporter

Chandigarh,07th July:--  " माँ  दा लाडला विगड़ गया , छल्ला इंडिया तों आया , नैना लगियां बारिशां  सुक्के-सुक्के सपने वी भिज्ज गये", जैसे कई सुपर हिट  गीत देने वाले बालीवुड गीतकार  कुमार ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से " रूबरू" कार्यक्रम के तहत बातचीत की । उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों से लेकर आज शिखर तक पहुँचबे की दास्तान पत्रकारों को बताई । बालीवुड में जितने भी गाने पंजाबी पृष्ठभूमि के होते हैं , वह सभी कुमार ही लिखते हैं । 

कुमार ने पत्रकारों को बताया के वह जालंधर पंजाब के रहने वाले हैं और 1996 में मुंबई गीतकार बनने चले गये थे । उन्होंने काफी साल संघर्ष किया पर सिर्फ 5 साल पहले उनकी किस्मत बदली जब उन्हें फिल्म दोस्ताना के गाने लिखने का मौका मिला । "माँ दा लाडला " गाने ने उनका जीवन ही बदल दिया । उन्होंने 600 के करीब गाने लिखे हैं और उन्हें उनमे से सबसे ज्यादा गाना " जिंदगी में कभी कोई आये न रब्बा" पसंद है । उन्होंने इस बात पर अफ़सोस भी प्रगट किया के कोई भी श्रोता सिर्फ गायक को ही पहचानता है , गाना किसने लिखा है कोई नहीं पूछता । कुमार ने बताया के वह सिर्फ उन्ही गानों को लिखते हैं जो लोगों की पसंद के होते हैं । उनमे शरारत ज़रूर होती है पर अश्लीलता नहीं । 

 

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