By 121 News
Chandigarh, July 01,2023:- चंडीगढ़-पंजाब यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने आज यहां सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में अपनी 24वीं वार्षिक बैठक आयोजित की। इस मौके पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह मुख्य अतिथि थे।
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने भारत जैसे लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका की सराहना की और कहा कि चौथे स्तंभ के रूप में यह बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के आगमन के साथ बदलते मीडिया परिदृश्य के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने में पत्रकारों की भी अहम भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और जहां तक उनकी सुरक्षा और स्वतंत्रता का सवाल है तो चीजें बद से बदतर होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सीएम भगवंत के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
इस मौके पर बोलते हुए आईजेयू और सीपीयूजे के अध्यक्ष विनोद कोहली ने कहा कि सीपीयूजे 40 साल पहले चंडीगढ़ पंजाब पत्रकार परिषद के रूप में अस्तित्व में आया था। पिछले 40 वर्षों में यह क्षेत्र में कामकाजी पत्रकारों का सबसे बड़ा संगठन बन गया है और वर्तमान में इसके 700 से अधिक सदस्य हैं। उन्होंने प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से कहा कि संघ के पास कई शिखर हैं। विनोद कोहली ने आगे कहा, हमने मजीठिया वेज बोर्ड के सामने पत्रकारों के मामले को मजबूती से रखा और इससे अखबार उद्योग के इतिहास में पत्रकारों की सबसे बड़ी जीत हुई। अपने संबोधन के दौरान विनोद कोहली ने कहा कि यह गर्व की बात है कि यूनियन द्वारा रखी गई 70 प्रतिशत मांगों को वेज बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है और इससे 16 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ हुआ है।
विनोद कोहली ने तेजी से बदलती दुनिया में पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि सीपीयूजे पत्रकारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और चौथे स्तंभ को विभिन्न प्रकार के खतरों से बचाने के लिए काम करेगा। उन्होंने पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा जैसे मुद्दे भी उठाए और मुख्य अतिथि से इस मामले पर गौर करने और उनके कल्याण के लिए कोई योजना लाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर आईजेयू के पूर्व अध्यक्ष सुरेश अखौरी ने कहा कि वेज बोर्ड की अनुशंसा मिलना बड़ी उपलब्धि है, लेकिन पत्रकारों ने अपना वर्कमैन का दर्जा खो दिया है, यह काफी चिंता का विषय है।
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