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Wednesday, 28 June 2023

भगवान की भक्ति से सुन्दर रूप की प्राप्ति होती है: आचार्य सुबल सागर जी महाराज

By 121 News
Chandigarh, June 28, 2023:-"भक्ते सुंदर रूप" भक्ति से सुन्दर रूप मिलता है सुन्दर रूप ही नहीं सब कुछ मिलता है। जिनेन्द्र भगवान की भक्ति से जो कर्म बड़ी-बड़ी तपस्या से स्वाध्याय करने से नहीं कटते हैं। वे कर्म भी भगवान की भक्ति करने से कटते हैं। भगवान के प्रति हमारा विश्वास, हमारा श्रद्धान  ही कर्म निर्जरा में कारण हैं। हमारे भाव जितने भगवान कि भक्ति में लगेंगे, उतने हमारे कर्म नष्ट हो जाएंगे और हम भी ऊपर ऊपर उठते जाएंगे। यह प्रवचन आचार्य सुबल सागर जी महाराज ने चंडीगढ़ में अपने प्रवास के दौरान दिए।

आचार्य सुबल सागर जी महाराज ने आगे कहा कि त्याग तो पर वस्तु का होता है अपनी वस्तु का त्याग होता नहीं है, आत्मोत्थान के लिए आत्मा को अपने स्वभाव में आना होगा और जीव का स्वभाव आना और देखना है मात्र लेकिन जीव के इस स्वभाव का अभाव नहीं बे ढका हुआ प्रगट नहीं । उसे प्रकट करने के लिए आत्मा को पर वस्तुओं का त्याग करते हुए निज सवभाव को प्राप्त करने का भगवान को प्राप्त करने का पुरुषार्थ करना होगा । भगवान की भक्ति आराधना करने से हममें भी वह शक्ति प्रगट है जिसमें हम भी भगवान बन सकते हैं।

भगवान की पूजा का फल कभी खाली नहीं जाता जो कर्म सत्ता में पड़े हैं कई जन्मों के, कई वर्षों के वे सिद्ध भगवान की आराधना करने से कट जा रहे। इसलिए प्यारे बंधुओं जब तक इस शरीर में शवास है तब तक सिद्धों की आराधना करते रहना अगर ऐसा कर पाए तो तुम्हारे सुखों से कोई दूर नही रह सकता । सिद्धों की आराधना करने से इस लोक में तो सुख मिलता ही है और परलोक में भी सुख मिलता है। 
संघस्थ बा०ब्र० गुंजा दीदी यह जानकारी श्री धर्म बहादुर जैन जी ने दी ।

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