By 121 News
Chandigarh May 24, 2021:- सेक्टर 28 स्थित चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब में 20 रीढ़ की हड्डी में चोट के व्हीलचेयर मरीजों का कोविड वैक्सीनेशन किया गया। इसके अतिरिक्त, द करण गिल्होत्रा फाउंडेशन और चंडीगढ़ प्रशासन के सहयोगात्मक पहल से रिहैब सेंटर के 100 से अधिक अन्य कर्मचारियों ने भी अपना टीकाकरण करवाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में यूटी सलाहकार मनोज परिदा भी उपस्थित थे। इस दौरान उनके साथ यूटी की हैल्थ सर्विसेस की डायरेक्टर अमनदीप कौर कंग भी मौजूद थी।
चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब की फाउंडर एवं सीईओ श्रीमती निक्की पी कौर ने जानकारी प्रदान करते हुए कहा, यह वास्तव में शहर के परोपकारी करण गिल्होत्रा की एक सराहनीय पहल थी जिन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से सेंटर में आने और हमारे मरीजों व कर्मचारियोंं का टीकाकरण करने का अनुरोध किया। दिव्यांगों में विभिन्न टीकाकरण केंद्रों में स्वयं जाने में व टीका लगवाने का एक डर था। वो पंजाब के राज्यपाल व यूटी प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर और यूटी के सलाहकार मनोज परिदा का आभार व्यक्त करना चाहती हैं कि उन्होंने सेंटर में टीकाकरण की व्यवस्था करके इन दिव्यांग लोगों को इतनी गरीमा और सम्मान दिया है।
चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब रीढ़ की हड्डी की चोट और मस्तिष्क की चोट, स्ट्रोक आदि जैसे अन्य न्यूरोलॉजिकल मामले वाले लोगों के लिए एक रिहैब सेंटर है।
रीढ़ की हड्डी में चोट के रोगियों में से एक, कुमारसन, जिन्हें आज टीका लगाया गया था, ने कहा कि भारत के नागरिक के रूप में, काविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होना मेरी जिम्मेदारी है। मैं सभी से टीकाकरण के लिए आगे आने का अनुरोध करता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह वायरस के खिलाफ हमारी सबसे अच्छी सुरक्षा है। एक अन्य मरीज नेहा गेरा ने कहा कि वो
चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब रीढ़ की हड्डी की चोट और मस्तिष्क की चोट, स्ट्रोक आदि जैसे अन्य न्यूरोलॉजिकल मामले वाले लोगों के लिए एक रिहैब सेंटर है।
रीढ़ की हड्डी में चोट के रोगियों में से एक, कुमारसन, जिन्हें आज टीका लगाया गया था, ने कहा कि भारत के नागरिक के रूप में, काविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होना मेरी जिम्मेदारी है। मैं सभी से टीकाकरण के लिए आगे आने का अनुरोध करता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह वायरस के खिलाफ हमारी सबसे अच्छी सुरक्षा है। एक अन्य मरीज नेहा गेरा ने कहा कि वो
कोविड का टीका लगवाने के लिए बहुत उत्साहित महसूस कर रही हैं, जिसने कई लोगों की जान ले ली है। खुद को टीका लगवाना बहुत जरूरी है ताकि हम इस जानलेवा वायरस से लड़ सकें। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए टीका लगवाएं।
निक्की ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी ने सभी को बुरी तरह प्रभावित किया है। चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन एनजीओ जैसे द करण गिल्होत्रा फाउंडेशन और समर्पित अनुभवी पेशेवरों और शुभचिंतकों की हमारी टीम ने इस सबसे कठिन समय में हमारी मदद की है। उन्होंने आगे कहा कि कोविड के कारण, आउट पेशेंट डिपार्टमेंट को बंद करना पड़ा, लेकिन इन-पेशेंट रिहैबिटेशन सभी बाधाओं के बावजूद जारी रहा।
सभी काविड प्रोटोकॉल के साथ, चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब ने इस अवधि के दौरान रीढ़ की हड्डी की चोट और मस्तिष्क की चोट वाले लगभग 65 मरीजों के रिहैबिटेशन करने में कामयाबी हासिल की और ऐसा करना जारी रखा। जरूरतमंद लोगों को मोटराइजड़ और मैनुअल व्हीलचेयर वितरित किए गए। उन लोगों के लिए टेली रिहैब सैशन और टेली कंसल्टेशनस आयोजित किए जा रहे हैं जो व्यक्तिगत रूप से पहुंचने में सक्षम नहीं हैं।
निक्की ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी ने सभी को बुरी तरह प्रभावित किया है। चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन एनजीओ जैसे द करण गिल्होत्रा फाउंडेशन और समर्पित अनुभवी पेशेवरों और शुभचिंतकों की हमारी टीम ने इस सबसे कठिन समय में हमारी मदद की है। उन्होंने आगे कहा कि कोविड के कारण, आउट पेशेंट डिपार्टमेंट को बंद करना पड़ा, लेकिन इन-पेशेंट रिहैबिटेशन सभी बाधाओं के बावजूद जारी रहा।
सभी काविड प्रोटोकॉल के साथ, चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब ने इस अवधि के दौरान रीढ़ की हड्डी की चोट और मस्तिष्क की चोट वाले लगभग 65 मरीजों के रिहैबिटेशन करने में कामयाबी हासिल की और ऐसा करना जारी रखा। जरूरतमंद लोगों को मोटराइजड़ और मैनुअल व्हीलचेयर वितरित किए गए। उन लोगों के लिए टेली रिहैब सैशन और टेली कंसल्टेशनस आयोजित किए जा रहे हैं जो व्यक्तिगत रूप से पहुंचने में सक्षम नहीं हैं।
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