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Wednesday, 21 August 2024

इंद्रधनुष के रंगों से सजी नृत्य प्रस्तुतियों द्वारा नव भारत के विकास की आस लिए प्राचीन कला केंद्र के कलाकारों द्वारा सुन्दर प्रयास

By 121 News
Chandigarh, August 21, 2024:-कला एवं संस्कृति की अग्रणी संस्था प्राचीन कला केंद्र एवं संस्कार भारती चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में एक विशेष नृत्य संध्या का आयोजन आज यहां टैगोर थियेटर में सांयः 6:30 बजे से किया गया । जिसमें डा० समीरा कौसर के नृत्य निर्देशन में केंद्र में  कत्थक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां पेश की गई । 8 से 55 वर्ष की आयुवर्ग के कलाकारों से सजी विभिन्न प्रस्तुतियों में कत्थक नृत्य में निबद्ध पेश करके दर्शकों ने खूब आनंद उठाया ।

  इस कार्यक्रम में केंद्र में गुरू शिष्य परम्परा के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें विदेशी विद्यार्थीयों ने भी बहुत सुंदर प्रस्तुतियां पेश की । आज के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संजय टंडन, मेंबर ,  प्रमुख , बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी  एवं इंचार्ज , बीजेपी , हिमाचल प्रदेश उपस्थित हुए । माननीय अतिथि के रूप में लविश चावला, माननीय महामंत्री संस्कार भारती, पंजाब प्रांत उपस्थित होकर शोभा बढ़ाई ।  इस अवसर पर केन्द्र के सचिव. सजल कौसर  एवं रजिस्ट्रार डॉ. शोभा कौसर  उपस्थित थे। संस्कार भारती की ओर से वरिष्ठ पदाधिकारी प्रो. सौभाग्य वर्धन, यशपाल शर्मा, अध्यक्ष, . मनोज कुमार, सचिव भी इस अवसर पर उपस्थित थे 

पारम्परिक द्वीप प्रज्वल्लन के पश्चात् कार्यक्रम का आरंभ चतुरंग से किया गया जिसमें राधा-कृष्ण पर आधारित नृत्य प्रस्तुति पेश की गई । नाचत  कृष्ण कन्हैया, बाजत पैजनिया बोलों पर आधारित इस नृत्य प्रस्तुति से कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रर्दशन किया ।

इसके उपरांत सावन पर आधारित नृत्य प्रस्तुति जिसमें बारिश  की फुहारों पर आधारित बादरवा बरसन को आए रे बोलों पर आधारित नृत्य प्रस्तुति पेश की गई । इसके उपरांत त्रिवट जोकि भाव, नृत्य और तोड़ो पर आधारित नृत्य रचना है, पेश की गई । अगली प्रस्तुति मां सरस्वती को समर्पित थी जिसमें कलाकारों ने सरस्वती वंदना नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत की । इसके उपरांत भगवान शिव के रूद्र रूप पर आधारित विशेष रचना शिव तांडव प्रस्तुत करके कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी ।

            कार्यक्रम के अतिंम भाग में भारत के बारे में नया दृष्टिकोण रखकर नवभारत निर्माण में अपना योगदान देती इस नृत्य नाटिका इन्द्रधनुष के रंग, जन्मभूमि के रंग पेश की गई जिसमें भारत के विकास और विश्वगुरू बनने के सुनहरे दौर को नृत्य के माध्यम से बखूबी पेश किया गया । भारत वंदना से आरंभ इस नृत्य नाटिका में बदलती मानसिकता कुरीतियों, ईष्या, द्वेष से मुक्त एक सुंदर भारत के निर्माण के लिए इस नृत्य के माध्यम से एक विनम्र प्रयास किया गया है । जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । देश के लिए बलीदान देने वाले फौजियों, सैनिकों को भी इस नृत्य में श्रद्धांजलि दी गई ।

 इस नृत्य के माध्यम से प्राचीन कला केंद्र के कलाकारों द्वारा जहाँ एक ओर  भारत को विकास के मार्ग में नए आयाम बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना भी की गई  वही दूसरी ओर देश के जवलंत मुद्दों को भी नृत्य के माध्यम से उजागर किया गया।  इस नृत्य नाटिका ने दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी। कार्यक्रम के अंत में  कलाकारों को  पुष्प देकर सम्मानित किया गया

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