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Saturday, 30 September 2023

उत्तर भारत की डी जे- लाइट एंड साउंड एसोसिएशनज ने अनरजिस्टर्ड कॉपीराइट कम्पनीज के खिलाफ खोला मोर्चा

By 121 News
Chandigarh, Sept.30, 2023:-देश भर में गीत संगीत के अवैध रूप से अनरजिस्टर्ड कॉपीराइट कम्पनीज पी पी एल (फोनोग्राफिक परफॉर्मेंस लिमिटेड)- नोवैक्स कम्युनिकेशन लिमिटेड और आई पी आर एस (इंडियन परफार्मिंग राइट्स सोसाइटी) की धक्केशाही के खिलाफ देशभर की डी जे लाइट एंड साउंड एसोसिएशनज एकजुट हो गई हैं और इन तथाकथित कम्पनीज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशनज का कहना है कि इन तथाकथित अनरजिस्टर्ड कॉपीराइट कम्पनीज ने देशभर में होटल इंडस्ट्री के सहयोग से 2500 करोड़ से अधिक का स्कैम किया है। एसोसिएशनज ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, ई डी, कॉमर्स मिनिस्टर सहित कॉरपोरेट अफेयर मिनिस्टर को पत्र लिख कर इन कम्पनीज की ई डी से जांच करवाएं जाने की मांग की है।वहीं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड से डी जे लाइट एंड साउंड एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्यों ने इन कम्पनीज की लूट खसोट के खिलाफ विरोध जताते हुए रोष प्रकट किया और चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यह लूट खसोट और धक्केशाही बंद न हुई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया एवम आई पी एडवोकेट (मुम्बई) शेखर मेनन ने कहा कि  पी पी एल- नोवैक्स और आई पी आर एस व अन्य कई कम्पनीज कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड ही नही है, इनके प्रतिनिधि पिछले कई वर्षों से होटल इंडस्ट्री के साथ मिलकर भोलेभाले लोगों को डरा धमकाकर झूठे केस की धमकी देकर मोटी रकम वसूलते हैं। लोग होटल में अपने पारिवारिक फंक्शन के लिए बुकिंग करवाते है, वहीं कई होटल वाले प्राइवेसी को लीक करते हुए अपने होटलमें हो रहे फंक्शन के बारे में इन कम्पनीज को सूचित कर देते है। जिससे इन कम्पनीज के प्रतिनिधि मौके पर पहुंच आर्गेनाइजर को अवैध रूप से म्यूजिक चलाने पर लीगल कार्रवाई की धमकी देते हैं। किसी भी लीगल कार्रवाई से बचने के लिए आर्गेनाइजर किसी भी प्रकार के कोम्प्रोमाईज़ के लिए तैयार हो जाता है और वसूली करने पहुंचे कम्पनीज के प्रतिनिधि उन्हें आधी रकम की जाली रसीद थमा देते हैं। बाकी वो और होटल संचालक आधा आधा बांट लेते हैं। वहीं अगर कोई इनसे समझौता नही करता तो उसे थाने में बुला कर डराया धमकाया जाता है।  अगर कोई इनकी धक्केशाही के खिलाफ कोर्ट जाता है तो कोर्ट में इनके 15-15 वकील पहुंच जाते हैं और माननीय अदालत को अपनी झूठी दलीलों से गुमराह करने की कोशिश करते हैं। इस तरह से इन कम्पनीज द्वारा कई होटलज के सहयोग से देशभर में 2500 करोड़ से अधिक की लूट खसोट का घपला किया जा चुका है।  उन्होंने आगे कहा कि हम कानून की रिस्पेक्ट करते है और कानूनन रजिस्टर्ड कम्पनीज को ही लाइसेंस फीस पे करने को तैयार हैं।

 चंडीगढ़ डी जे- लाइट एंड साउंड एसोसिएशन के चेयरमैन मनमोहन जॉली ने कहा कि देशभर के डी जे लाइट एंड साउंड के संचालक इन तीनों व अन्य  अनरजिस्टर्ड कॉपीराइट कम्पनीज के खिलाफ एकजुट हो गए है और इनके द्वारा की जा रही धक्केशाही और अवैध वसूली के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया है। डी जे संचालकों ने अब बिना किसी डर या भय के इन कम्पनीज के खिलाफ बगावत शुरू कर दी है और लूट खसोट की रकम को वापिस करने की मांग कर दी है।

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सुनील कुमार  सोनू और जनरल सेक्रेटरी एस के सिंगला ने कहा कि इन तीनों अनरजिस्टर्ड कॉपीराइट कम्पनीज पी पी एल- नोवैक्स और आई पी आर एस द्वारा की गई अवैध वसूली का घपला 2500 करोड़ रुपए का है। हम क़ानूनन पंजीकृत केवल उन्हीं संस्था को ही लाइसेंस शुल्क देंगे, जोकि रजिस्टर्ड होंगी। हम जनता को जागरूक करना चाहते हैं कि  यदि आप अपना कोई भी निजी समारोह करवाते हैं तो वहां पर आपको डीजे साउंड सिस्टम अरेंज करने के लिए अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क देना पड़ता है, नहीं तो वो आप का इवेंट बंद कर सकते हैं। इसलिए आप सब मिल कर इनकी धक्केशाही के खिलाफ आवाज़ उठाएं। यह अनरजिस्टर्ड कम्पनीज 2500 करोड़ रुपये का काला धन इकट्ठा कर चुकी हैं। कई बार इवेंट की वो रसीद नही देते।  मैरिज, रिंग सेरेमनी और बर्थडे पार्टी के लिए वो ऑथोराइज़ नहीं है और न ही कोई रसीद देते हैं। अगर इन अनरजिस्टर्ड कॉपीराइट कम्पनीज की ओर से यह नहीं रुका तो मजबूरन उन्हें इनकी धक्केशाही के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाना होगा। 
     
वहीं इस अवसर पर आई पी एडवाइजर संजीव वधवा ने कहा कि यह तीनों ही कम्पनीज मौजूदा समय मे कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड ही नही है। जब यह रजिस्टर्ड नही है तो लोगों को डरा धमका कर वसूली किस आधार पर कर रही हैं, अगर रजिस्टर्ड हैं तो कॉपीराइट एक्ट 33 के डॉक्यूमेंट् दिखाएं जो इनकी प्रमाणिकता साबित कर सकें। संजीव वधवा ने कहा कि कॉपीराइट एक्ट 1957 में अस्तित्व में आया था, उसके अंतर्गत पी पी एल और नोवैक्स रजिस्टर्ड थी। वर्ष 1994 में कॉपीराइट एक्ट 33 के तहत इसमें कुछ बदलाव किए गए, लेकिन इन कम्पनीज ने उन अमेंडमेंट को दरकिनार अपना वसूली का धंधा बदस्तूर जारी रखा। यह कम्पनीज 2012 तक तो कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड रही, लेकिन उसके बाद इन्होंने नए रूल्स एवम रेगुलेशन को फॉलो न करते हुए अपने आप को कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड ही बताया। वहीं वर्ष 2017 में अस्तित्व में आई आई पी आर एस ने कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया, जोकि वर्ष 2022 में वो रजिस्ट्रेशन एक्सपायर हो गया। लेकिन इनका भी वसुली का धंधा अभी तक जारी है। वर्ष 2013 से लेकर 2023 मौजूदा समय तक यह तीनों ही तथाकथित कम्पनीज 2500 करोड रुपए का घपला कर चुकी है। इससे देश को भी रेवेन्यू में चुना लगाया गया है। 

एसोसिएशन के पदाधिकारी जे पी सिंह ने भी इन कम्पनीज की लूट खसोट की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह कंपनियां देशभर में पिछले लंबे समय से धक्केशाही करते हुए लूट  खसोट करती आ रही है। इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और लूटा हुआ पैसा वापिस दिलाया जाना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, ई डी, कॉमर्स मिनिस्टर सहित कॉरपोरेट अफेयर मिनिस्टर को भी पत्र लिख कर इन कम्पनीज की ई डी से जांच करवाएं जाने की मांग की है।

अंत में इन सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर इन कंपनियों की लूट खसोट और धक्केशाही के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई नही की जाती तो रोष स्वरूप मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ेगा और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे 

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