Pages

Monday, 4 September 2023

फोर्टिस मोहाली ने रीजेनरेटिव और एस्थेटिक गायनोकोलॉजी क्लीनिक लॉन्च किया

By 121 News
Chandigarh, Sept.04,,2023 रीजेनरेटिव  गायनोकोलॉजी, महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए ऊतकों की ठीक या पुनर्स्थापित पर आधारित है। अध्ययनों (इंटरनेशनल जर्नल ऑन इंफॉर्मेटिक्स फॉर डेवलपमेंट, दिसंबर, 2022) से पता चला है कि लगभग 50 फीसदी महिलाएं अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार वैजाइनल डिस्चार्ज से पीड़ित होती हैं, इसके अलावा यूरिनरी ट्रक्ट इंफेक्शन (यूटीआई), स्ट्रेस इनकाॅटिनेंनस, यूरिन का रिसाव आदि के मामले भी होते हैं। बड़े पैमाने पर रिपोर्ट नहीं की जाती। इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने वजाइना और पेल्विक आॅर्गन को बढ़ाने के उद्देश्य से वजाईनल हेल्थ के लिए अत्याधुनिक प्रक्रियाएं प्रदान करने के लिए एक स्पेशलाईज्ड रीजनरेटिव और एस्थेटिक गायनोकोलॉजी  क्लीनिक  शुरू किया है, जो कि शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रियाओं को भी मजबूत करेगा और सहायता करेगा।

स्पेशलाइज्ड रिजेनरेटिव एंड एस्थेटिक गायनेकोलॉजी  क्लीनिक का संचालन फोर्टिस अस्पताल, मोहाली की ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग की कंसल्टेंट डॉ. प्रियंका एच शर्मा कर रही हैं, जो कि गायनेकोलॉजी के क्षेत्र में नवीन तकनीकों और प्रौद्योगिकियों को पेश करने में सबसे आगे रही हैं।
 
फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में उपलब्ध एस्थेटिक गायनोकोलॉजी के तहत सबसे उन्नत उपचार प्रक्रियाओं पर चर्चा करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा, "वर्ल्ड  हेल्थ आर्गेनाईजेशन  (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लगभग 33 फीसदी महिलाएं खराब रिप्रोडक्टिव हेल्थ से पीड़ित हैं। एस्थेटिक गायनोकोलॉजी में ऐसी प्रक्रियाएं शामिल हैं जो महिलाओं को कार्यक्षमता संबंधी समस्याओं का इलाज करने और वजाइना की फिजिकल स्ट्रक्चर को संशोधित करने में सक्षम बनाएंगी। इसमें वल्वा (योनिमुख) और वैजाइनल एरिया की एस्थेटिक उपस्थिति और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए सर्जिकल और नाॅन-सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल हैं। आमतौर पर महिलाएं प्रसव संबंधी चोटों, यूटेरिन प्रोलैप्स, इनकाॅटिनेंनस इश्यू, वैजाइनल एट्रोफी, जेनिटोरिनरी सिंड्रोम ऑफ़ मेनोपाॅज़, रिमेनोपॉजल और मेनोपाॅज़ में परिवर्तन, लाइकेन स्केलेरोसिस, सेक्सुअल डिस्फंग्शन और वल्वोवैजाइनल लैक्सिटी से प्रभावित होती हैं।

यह कहते हुए कि महिलाएं अपने वैजाइनल हेल्थ से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने से कतराती हैं, डॉ. शर्मा ने कहा, "ऐसे विषयों से जुड़ी सामाजिक वर्जनाओं के कारण महिलाएं झिझकती हैं। वैजाइनल लैक्सिटी, यूरिन का रिसाव (एसयूआई), कम संवेदनशीलता और ऑर्गेज्म की कमी, सेक्स के दौरान सूखापन और दर्द, गुदा (ऐनल) क्षेत्र में ऊतक की मात्रा में कमी जैसे लक्षणों का इलाज आधुनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जा सकता है।

रीजेनरेटिव गायनोकोलॉजी पर, डॉ. शर्मा ने कहा, "इसका उद्देश्य गायनोकोलॉजी समस्याओं व विकारों के उपचार के लिए पीआरपी इंजेक्शन, लेजर या रेडियो फ्रीक्वेंसी, हाइलूरोनिक एसिड फिलर्स, बोटुलिनम इंजेक्शन, कोलेजन फिलर्स जैसी नॉन इनवेसिव/नाॅन-सर्जिकल प्रक्रियाओं का उपयोग करके टिश्यू रीजेनरेटिव (योनि कायाकल्प) को करना है।
 
डॉ. शर्मा ने आगे बताया कि यह प्रक्रिया शीघ्र होती है, दर्द रहित, शून्य डाउन टाइम के साथ, बिना किसी भारी दवा के होती है।

No comments:

Post a Comment