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Thursday, 26 May 2022

शूलिनी यूनिवर्सिटी का रोम-कॉम म्यूजिकल प्रोडक्शन टैगोर थिएटर को रोशन करेगा

By 121 News
Chandigarh May 26, 2022:- ट्राइसिटी के रंगमंच और कला प्रेमी आज प्रतिष्ठित टैगोर थिएटर में फिर से मिले और पंचलाइट-एक रोम-कॉम म्यूजिकल प्रोडक्शन का आनंद लिया। ये संगीतमय प्रस्तुति शूलिनी यूनिवर्सिटी की नई प्रोडक्शन है।

अंकुर सक्सेना बशर द्वारा निर्देशित और शूलिनी क्रिएटिव स्टूडियो के बैनर तले शूलिनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अतुल खोसला और वाइस प्रेसिडेंट अवनी खोसला द्वारा निर्मित, पंचलाइट उत्तर भारत के एक छोटे से गांव की कहानी बताती है, जहां अभी भी बिजली नहीं है, और इसके लोग अंधेरे में रहते हैं। वे अपने ही छोटे-मोटे कामों में व्यस्त रहते हैं और अपने ही दुखों और खुशियों के साथ जी रहे हैं। 

शूलिनी यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर विशाल आनंद ने कहा कि शूलिनी ने हमेशा ही अपने स्टूडेंट्स को विभिन्न विधाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देने में विश्वास रखा है। इस तरह से उनकी कलात्मक प्रतिभा को भी निखारने में मदद मिलती है। इसके साथ ही इससे उनके दिल और दिमाग को नए विचारों और आइडिया देने की क्षमता मिलती है।
 
अंकुर ने बताया कि हमें अपने वर्तमान को समझने के लिए अभिनय करने और अपने अतीत की कहानियों को बताने की जरूरत है। पंचलाइट एक ऐसी कहानी है जो चीजों के 'अंतर' की पड़ताल करती है। एक गांव जो संक्रमण में है, आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, लेकिन अभी तक वहां नहीं पहुंचा है। अंकुर, जो एक थेस्पियन, डायरेक्टर, वॉयस कोच, परफॉर्मेंस आर्टिस्ट, कवि और नाटककार सहित विभिन्न कलाओं में माहिर हैं। वे वर्तमान में शूलिनी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के तौर पर स्टूडेंट्स को इन कलाओं से परिचित करवा रहे हैं। 

इस शानदार मास्टरपीस के निर्माता, अतुल खोसला ने बताया कि पंचलाइट का कथानक वास्तव में पेचीदा है। ग्रामीणों की मासूमियत और सरलता को उन अंधविश्वासों के माध्यम से देखा जा सकता है जो पंचलाइट (लैम्प-लालटेन) को घेरते हैं और उनके संघर्षों और कार्यों के चित्रण के माध्यम से जब वे आधुनिक तकनीक के अधीन होते हैं।

उन्होंने कहा कि इस नाटक के माध्यम से, हम भाग्यशाली हैं कि हम उन प्रतिभाशाली कलाकारों को एक प्लेटफॉर्म प्रदान करने में सफल रहे हैं जिन्होंने पंचलाइट में अद्भुत काम किया है। मैं आभारी हूं कि उनकी प्रतिभा को पहचाना गया और दर्शकों ने इस नाटक को देखने का भरपूर आनंद लिया।

पंचलाइट की कहानी फणीश्वर नाथ (मंडल) रेणु द्वारा लिखी गई है, जिन्हें प्रेमचंद के बाद के युग में आधुनिक हिंदी साहित्य के सबसे सफल और प्रभावशाली लेखकों में से एक माना जाता है। जबकि इसको एक बेहतरीन नाट्य प्रस्तुति के तौर पर तैयार करने का पूरा श्रेय भारतीय फिल्म अभिनेता, निर्देशक और गीतकार रंजीत कपूर को जाता है।

अवनी खोसला ने कहा कि इस नाटक में दुनिया की सबसे बेहतरीन विशेषताएं हैं-एक दिलचस्प कहानी से लेकर एक प्रतिभाशाली स्टार कास्ट तक, पंचलाइट कला का एक संपूर्ण मेल है। मैं इस उत्कृष्ट कृति का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं और इस शानदार सफलता के लिए मैं पंचलाइट की पूरी टीम को दिल से बधाई देती हूं।

इस नाटक के गीतों का निर्माण प्रसन्न सोनी और अंकुर बशर ने किया है, और वीडियो डॉक्यूमेंटशन और फोटोग्राफी को प्रियांश, बिशाल, बरखा और रितुल ने संभाला है।

श्रीमती आशु खोसला और विशाल आनंद इस नाटक के मेंटर्स थे और श्रीमती पूनम नंदा इस नाटक के लिए प्रमुख मार्गदर्शक थीं।

पंचलाइट में वसुंधरा, आशुतोष, कलसंग भूटिया, अविषेक मंडल, कौस्तुभी, ख्याति, खुशी, समहिता, करण पंवार, प्रभास, रूहानी, वैदेही, अपराजिता, अरिशा, काशवी, पलक, नंदिनी, शुभ, बिशाल बोरा, कार्तिक, भरत रौनक, शौर्य जोशी, दीपक तिवारी, कविता, अंकित शर्मा, और राघविन की महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भूमिकाएं हैं।

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