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Monday, 25 October 2021

स्तन कैंसर जागरूकता माह: प्रारंभिक पहचान प्रभावी उपचार की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है

By 121 News

Chandigarh Oct.25, 2021:- स्तन कैंसर भारत और दुनिया भर में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। स्तन कैंसर कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण होता है, जिससे एक ऊतक का निर्माण होता है जिसे ट्यूमर कहा जाता है।

इस बीमारी के बारे में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने और इससे जुड़ी भ्रांतियों को पूरी तरह से दूर करने के लिए, अक्टूबर को दुनिया भर में स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत बीते कई दिनों से फोर्टिस टॉवर को गुलाबी रंग से रोशन किया गया है और इस पर अवेयरनेस टॉक भी आयोजित की गई है।

डॉ.नवल बंसल, एंडोक्राइन एंड ब्रेस्ट कैंसर सर्जन, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने शुरुआती चरण में बीमारी का पता लगाने के कारणों, लक्षणों, सावधानियों और उपचार के विकल्पों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

डॉ बंसल ने कहा कि ''शुरुआती चरण में पता चलने पर स्तन कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। स्तन कैंसर का पता लगाना किसी भी महिला के लिए एक भयावह अनुभव हो सकता है, लेकिन स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं में प्रगति के साथ, कोई भी इस खतरनाक बीमारी को मात दे सकता है।

उन्होंने बताया कि परिस्थितिवश प्राप्त कैंसर या अनुवांशिक कारक एक व्यक्ति को स्तन कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं। इनमें स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास, अत्यधिक शराब का सेवन, मोटापा और अधिक वजन, मेनार्चे-कम उम्र में मासिक धर्म की शुरुआत और अधिक उम्र में रजोनिवृत्ति, स्तनपान की कमी, अधिक उम्र में गर्भवती होना या कभी गर्भधारण करना, हार्मोनल दवाएं जिनमें लंबे समय तक गर्भनिरोधक उपयोग या पोस्टमेनोपॉजल हार्मोन थेरेपी आदि का उपयोग भी कैंसर का कारण हो सकता है।

डॉ बंसल ने बताया कि स्तन के आकार या आकार में परिवर्तन, स्तन या बगल में गांठ, निप्पल से स्राव, निप्पल का पीछे हटना या अल्सर या स्तन के ऊपर लाल होना। यदि कैंसर एक एडवांस्ड अवस्था में है, तो रोगी को सांस लेने में कठिनाई, पीलिया, हड्डियों में दर्द, भूख लगना या वजन कम होने का अनुभव हो सकता है।

उन्होंने बताया कि कैंसर का जल्दी पता लगाने और निदान करने से स्तन कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज करने में मदद मिल सकती है। हर महीने स्तन का स्वयं-परीक्षण और 40 वर्ष की आयु के बाद एक वार्षिक मैमोग्राफी, स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखना, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार लेने जैसे नियमों का पालन करते हुए कोई भी इस बीमारी को दूर रखने में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है।

डॉ.नवल बंसल ने बताया कि स्तन कैंसर के उपचार में आमतौर पर सर्जरी, कीमोथेरेपी और रैडिएशन थेरेपी जैसी विविधितापूर्ण हेल्थकेयर शामिल होती है। स्तन के पुनर्निर्माण के साथ आंशिक स्तन हटाना मानक उपचार के रूप में उभर रहा है, खासकर प्रारंभिक अवस्था में इसका काफी उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही कीमोथेरेपी और रैडिएशन थेरेपी में नई प्रगति ने उपचार के परिणाम में और सुधार किया है।

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