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Thursday, 29 April 2021

तपा नगर कौंसिल के अकाली और निर्दलीय काउंसिलर ने सत्ता पक्ष पर लगाये धक्केशाही और निष्पक्ष चुनाव न करवाने के आरोप

By 121 News

Chandigarh April 29, 2021:- तपा नगर कौंसिल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के होने वाले चुनावों को निष्पक्ष न करवाये जाने को लेकर अकाली और निर्दलीय काउंसिलर ने कांग्रेसनीत सत्ता पक्ष पर धक्केशाही के आरोप लगाए हैं। विपक्षी काउंसिलर का कहना है कि सत्ता पक्ष ने नगर कौंसिल में अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाए जाने को लेकर सरकारी मशीनरी और शक्तियों का दुरुपयोग किया है।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में वीरवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में तरलोचन बंसल ने बताया कि तपा नगर कौंसिल में कुल 15 नगर काउंसलर हैं।  जिसमे से हमारे ग्रुप में अकाली दल और निर्दलीय मिला कर 8 काउंसलर हैं और विरोधी ग्रुप में 7 काउंसलर हैं।  तपा मंडी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की तारीख 20 अप्रैल 2021  बाद दोपहर 3:00 बजे को रखे गए थे।  जब हम आठों काउंसलर बैरिकेड के पास पहुंचे, तब वहां पर मौजूद डीएसपी- तपा बलजीत बराड़ हमारे एक काउंसलर विनोद कुमार काला जो वार्ड नंबर 2 से विजयी है, को बिना कोई कारण बताए जबरदस्ती उठाकर ले गया।  हम उससे इसका कारण पूछने लगे कि उन्हें किस वजह से पकड़ा गया है। लेकिन डी एस पी ने हमें कुछ नहीं बताया।  जिस कारण हम उस दिन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की मीटिंग में हिस्सा नहीं ले सके।  उसके बाद जब हम थाना पता करने गए तो थाने के गेट बंद कर दिए गए।  फिर मजबूरन हमें वहां पर धरना देना पड़ा। देर रात करीब 11:00 बजे हमें बताया गया कि हमने विनोद कुमार काला को पकड़ लिया है। यह बात हमें डीएसपी बृजमोहन बरनाला ने बताई। हमें सुबह पता चला कि डीएसपी ने यह धक्का सिर्फ इसलिए किया है कि कौंसिल में कांग्रेस का प्रधान और उपप्रधान बनाया जा सके।

तरलोचन बंसल व् अन्य ने आगे बताया कि बड़ी ही हैरानी वाली बात यह है कि विनोद कुमार काला एमएससी की गिरफ्तारी उस मामले में डाल दी गई, जिस में वह पहले ही गिरफ्तार हो चुका था। यह मामला 29 मार्च 2021 का है, 29 मार्च को गिरफ्तार करने के बाद 30 मार्च को उसे रिहा कर दिया गया।विनोद कुमार काला डीएसपी दफ्तर में मौजूद है। इसके फोटोग्राफ हमारे पास हैं। समझ से परे तो यह बात है कि जिस मामले में एक बार व्यक्ति गिरफ्तार हो जाए, फिर उसको दोबारा गिरफ्तार करने की जरूरत क्यों पड़ी। वह भी इतनी गुंडागर्दी से  जिससे साफ और स्पष्ट यह है कि कांग्रेस का प्रधान बनाने के लिए डीएसपी ने यह सारी गुंडागर्दी की। हमने एक पेटिशन माननीय हाई कोर्ट में भी डाल रखी थी।  जिसमें जो फैसला हुआ 20 तारीख सादे 11:30 फेयर एंड फ्रीडम इलेक्शन कराए जाएं। 500 मीटर दायरे में दफा 144 लागू, पर अफसोस डीएसपी बलजीत बराड़ ने हमारा एक काउंसलर विनोद कुमार काले को उठा लिया। जिसने कोर्ट के हुक्म को भी अनदेखा किया और हमारे को गन्दी गालियां निकाली। विनोद कुमार काला की जमानत होने के बाद भी वह हमारे साथ है।अभी हमारे साथ आठ काउंसलर हैं,लेकिन पुलिस ने गुंडागर्दी करके सत्ताधारी पार्टी की मदद की और चुनाव को फ्री एंड फ्रीडम एंड फेयर नहीं होने दिया।

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