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Thursday, 29 April 2021

चंडीगढ़ में हर साल 35% पीने का पानी लीकेज में बर्बाद होता है और अगर 24 घंटे पानी चलेगा तो बर्बादी बढेगी- ओंकार सैनी

By 121 News

Chandigarh April 29, 2021:- चंडीगढ़ प्रशासन स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 24 घंटे पानी देने की योजना पर काम कर रहा है परंतु इस योजना के खिलाफ एक बार फिर से समाज सेवी संस्था समस्या समाधान टीम चंडीगढ़ विरोध में उतर आयी हैI इस पर पर्यावरण प्रेमी प्रवीन का कहना है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से रोक देना चाहिए क्योंकि एक तरफ तो भारत सरकार जल संकट को देखते हुए पानी संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है और इसके विपरीत चंडीगढ़ प्रशासन 24 घंटे पानी देने की योजना लागू करके पानी की बर्बादी की तरफ कदम बढ़ा रही हैI पानी पैदा नहीं किया जा सकता है, इसे सिर्फ बचाया जा सकता है I यह प्राकृतिक संसाधन है जिसकी उत्पत्ति मानव के हाथ में नहीं है। समस्त भूमि के 70 प्रतिशत भाग पर पानी होने के बावजूद सिर्फ 3 फीसदी पानी ही पीने योग्य है और भारत में इसका 4 फीसदी ही पानी पीने योग्य हैI नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं और हर साल करीब 2 लाख लोग स्वच्छ पानी न मिलने के चलते अपनी जान गंवा देते हैI रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अगर देश में पानी नहीं बचाया गया तो 2040 तक पानी खत्म होने की कगार पर आ जाएगाI अंतरराष्ट्रीय संस्था वाटर ऐड ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2030 तक दुनिया के 21 शहरों में डे-जीरो जैसे हालात बन जाएंगे और 2040 तक भारत समेत 33 देश पानी के लिए तरसने लगेंगे। इसके इलावा विश्व संसाधन संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक भी जल संकट के मामले में 189 देशों में भारत का स्थान 13 वाँ है और भारत के प्रदेशों में चंडीगढ़ पहले स्थान पर हैI इसलिए पानी की बूंद-बूंद बचाना समय की मांग है और हमारी वर्तमान सभ्यता की जरूरत भी हैI अगर 24 घंटे पानी चलेगा तो बचेगा कैसे, इसलिए चंडीगढ़ प्रशासन को भी पानी संरक्षण के बारे में सोचते हुए इस योजना को स्थगित कर देना चाहिए I

इस पर समस्या समाधान टीम के बबलू वर्मा का कहना है कि चंडीगढ़ को 24 घंटे पानी की कोई विशेष जरूरत नहीं है क्योंकि चंडीगढ़ में प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 254 लीटर पानी उपलब्ध है और राष्ट्रीय मानदंड के अनुसार प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर पानी ही चाहिए होता है, जो कि तय मानदंड से बहुत अधिक है I

इस पर ओंकार सैनी का कहना है कि अभी चंडीगढ़ में हर साल 35% पीने का पानी लीकेज में बर्बाद हो जाता है और जब 24 घंटे पानी चलेगा तो लीकेज भी बढ़ेगी, जिससे पानी तो बर्बाद होगा ही बल्कि इससे सरकारी पैसों की बर्बादी भी बढ़ेगी और नुकसान की भरपाई के लिए शहरवासियों के पानी के बिलों में बढ़ोतरी या टैक्स आदि लगा कर पूरी की जायेगी, हाल ही में पानी के बिलों में की गई वृद्धि इसका उदहारण है I 24 घंटे बहेगा जल तो कैसे बचेगा कल इसलिए सरकार को 24 घंटे पानी देने की योजना को बंद करके पानी की बर्बादी रोकने की योजना बनानी चाहिए तथा लोगों पर ओर महंगाई की मार पड़ने से बचाना चाहिए I

इस पर समस्या समाधान टीम के मनोज शुक्ला का कहना है कि हमारी संस्था समय समय पर संबंधित अधिकारियों को लिख कर अपनी आपत्ति दर्ज करवाते रहे है कि यह 24 घंटे पानी देने की योजना देश के लिए और शहरवासियों के लिए नुकसानदायक है इसलिए इसको तुरंत प्रभाव से रोक लगा देनी चाहिए I एक बार फिर से हमारी संस्था ने प्रधानमंत्री, जल शक्ति मंत्री, वित्त मंत्री समेत चंडीगढ़ के उच्च अधिकारियों को इस योजना के रोकने की मांग की है I चंडीगढ़ प्रशासन 24x7 वॉटर सप्लाई के लिए लगभग 591 करोड़ खर्च करेगा, इसमें से 410 करोड़ एएफडी (एजेंसी फ्रांस डेवलपमेंट) से लोन के रूप में मिलेंगे जबकि 96 करोड़ यूरोपीयन यूनियन की ओर से ग्रांट एन ऐड के मिलेंगे बाकी का प्रशासन खर्च करेगा I लोन का पैसा अगले 15 साल में 2 प्रतिशत ब्याज के साथ उतारना हैI इतना भारी भरकम लोन लेने पर इसको उतारने के लिए शहरवासियों पर टैक्स लगाया जायेगा और पानी के बिलों में वृद्धि की जायेगी, क्योंकि नगर निगम की आर्थिक स्थिती पहले ही अच्छी नही हैI अगर लोन ले लिया गया तो अगले 15 साल तक पानी के बिलों में वृद्धि होती ही रहेगी I हाल में लागू की गई नयी अधिसूचना के बाद पंचकुला और मोहाली के मुकाबले चंडीगढ़ में पानी का रेट दोगुने से भी ज्यादा है और पानी के बिलों में यह बढ़ोतरी हर साल अप्रैल महीने में 3 फीसदी के हिसाब से बिना किसी अग्रिम मंजूरी के होती रहेगी I शहर में रहने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार पहले ही मौजूदा पानी का बिल देने में सक्षम नही है और अगर लोन की वसूली के पैसे भी पानी के बिलों में जोड़ दिए गए तो चंडीगढ़ में रहना मुश्किल हो जायेगा I अगर 24 घंटे पानी की योजना के लिए लोन लिया जाता है तो यह कहना गलत नही है कि आने वाले समय में चंडीगढ़ में भी बोलिविया जल युद्ध वाले हालात पैदा होंगे और चंडीगढ़ के लोग पानी के लिए सरकार से लड़ाई लड़ेंगे इसलिए चंडीगढ़ प्रशासन को देश और लोकहित में यह योजना तुरंत स्थगित कर देनी चाहिए I

इस पर समस्या समाधान टीम चंडीगढ़ के प्रधान ऐ के सूद का कहना था कि पानी के संरक्षण के लिए 24 घंटे पानी देने की योजना स्थगित करवाने और चंडीगढ़ में पानी के बिलों की बढ़ोतरी वापिस करके पंचकुला और चंडीगढ़ के बराबर करवाने के लिए हमारी संस्था "जल जागृती अभियान" चलायेगी और लोगों के साथ-साथ प्रशासन को भी पानी बचाने के लिए जागरूक करेंगे I

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