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Monday, 28 December 2020

जीरकपुर में अपनी एग्रीकल्चर लैंड पर बनाऊंगा किसान भवन:आलमजीत सिंह किसान निशुल्क रहने की सुविधा के साथ-साथ शादी विवाह का फंक्शन भी कर सकेंगे

By 121 News

Chandigarh Dec. 28, 2020:- मोदी सरकार को तीन कृषि कानून बिल को तुरंत प्रभाव से वापिस ले लेना चाहिए। यह बिल किसानों के लिए ठीक नहीं है, ये किसान हितैषी नहीं है। मोदी सरकार ने यह बिल कुछ पूंजीपतियों के हक में बनाए हैं।यह कहना है पंजाब स्टेट अवार्डी सोशल वर्कर आलम जीत सिंह मान का।

किसान आंदोलन में किसान संगठनों के नेताओं से मिल समर्थन देते हुए उन्होंने कहा कि बेचारे किसान पिछले एक महीने से ठंड में दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर बैठे हैं। वो पंजाब के अलग अलग टोल नाके पर भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे हैं। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। मोदी सरकार किसानों की एक नहीं सुन रही   उन्होंने कहा कि वो खुद दिल्ली जाकर आए हैं, वहां पर किसानों की हालत ठीक नहीं है। सर्दी का मौसम है और कोरोना संकटकॉल चल रहा है। इसलिए वो वहां पर मास्क, सैनिटाइजर और जरुरत का कई सामान देकर आए है। यदि अपने किसान भाईयों को और किसी चीज की भी जरूरत पड़ती है, तो वो भी वह मुहैया करवाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान की दया से आज उनके पास सब कुछ है, और यदि उनके पास जो कुछ है किसानों /मजदूरों के काम जाए तो इससे सुखद क्या होगा।

आलम जीत सिंह मान ने यह भी कहा कि जीरकपुर में उनके एग्रीकल्चर लैंड है। वहां पर वो किसान भवन बनाएंगे यहां पर किसानों के लिए रहने की सुविधा के साथ-साथ शादी विवाह का फंक्शन भी किया जा सकेगा। यह सब कुछ किसानों के लिए फ्री होगा। आलमजीत सिंह ने किसान भाईयों के लिए शौचालयों की जरूरत बताते हुए कहा कि उनके लिए शौचालय उपलब्ध करवाएं जाए।ताकि बीमारी या संक्रमण फैल सके।

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि किसानों को अब नक्सली, खालिस्तानी ना जाने क्या-क्या कहा जा रहा है। यह सब गलत है किसान अपनी आवाज उठा रहे हैं, और शांति पूर्वक उठा रहे हैं। उनकी आवाज को इस तरह के भाषणों से शांत नहीं किया जा सकता। उनकी आवाज को सुनना होगा। यह देश के माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी से अपील है।

आलमजीत सिंह मान ने यह भी कहा किसान भवन के बाद किसानों के बच्चों की पढ़ाई के लिए वह कुछ करना चाहते है। वह पिछले लगभग 32 सालों से नेत्रहीन बच्चों की यथासंभव मदद कर रहे हैं। इसके अलावा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार गरीब दुघर्टना ग्रस्त लोगों की मदद करने के काम करते रहे हैं, और अपना जन्मदिन भी नेत्रहीन बच्चों के साथ मनाते हैं। इस बार उन्होंने अपना जन्मदिन दिल्ली मे वहाँ किसान भवन की एलान के साथ सेलिब्रेट किया है इसके अलावा किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान भाईयों की स्मृति मे उनके आदमकद चित्र या मूर्ति किसान भवन के प्रवेश द्वार पर लगवाएंगे। उन्होंने कहा कि इस पुण्य कार्य में जो भी खर्च होगा, वो वह अकेले ही करेंगे।

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