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Wednesday, 2 December 2020

शहीद फेरुमन अकाली दल-इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसानों की मांगों के समर्थन में शुरू करेंगे मरणव्रत: राजनैतिक पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किसानों को सहयोग और समर्थन देने की अपील की

By 121 News

Chandigarh Dec.02, 2020:- शहीद फेरुमन अकाली दल-इंडिया कृषि विरोधी काले कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे संघर्षरत किसानों को पूरी तरह से समर्थन देता है और कंधे से कन्धा मिलाकर उनके साथ खड़ा है।देश कि सभी राजनैतिक पार्टियों को दलगत राजनीती से ऊपर उठकर किसानों को सहयोग और समर्थन देना चाहिए। किसान देश का अन्नदाता है, आम जनता और देश के हर इंसान को उनका समर्थन करना चाहिए। क्योंकि अगर किसान और किसानी ही नही रहेगी तो अन्न कहाँ से आएगा। यह बातें शहीद फेरुमन अकाली दल-इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत जसबीर दास ने आज एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही।इस अवसर पर लुधियाना प्रेसिडेंट प्रो. चरणजीत सिंह, पंजाब प्रेजिडेंट जगतार सिंह काला, राजीव कुमार, आल इंडिया जनरल सेक्रेटरी हैरी गिल, पंजाब युथ विंग प्रेसिडेंट जरनैल सिंह और पंजाब जनरल सेक्रेटरी बलवंत सिंह सहित अन्य सदस्य भी मौजूद थे।

महंत जसबीर दास ने कहा कि देश के लाखों किसान आज अपने हक के लिए सड़क पर आंदोलन कर रहे है, लेकिन देश की सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।, सरकार उनके आंदोलन का दमन करने पर तुली हुयी है और अलबत्ता उन पर अत्याचार कर उन्हें डराना चाह रही है।पर देश का अन्नदाता डरा नहीं बल्कि अपने लक्ष्य को हासिल करने में डटा हुआ है। उन्होंने किसानो पर दर्ज एफआईआर तुरंत वापस लेने और गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा करने की मांग की है।

सरकार द्वारा किसानों से बातचीत में इतना समय क्यों लिया जा रहा है? केंद्र सरकार ने जो बीते कल 01 दिसंबर की तारीख दी थी, और कहा गया था की मीटिंग में अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित 03 अन्य मंत्री भी होंगे, लेकिन भोले भाले किसान मीटिंग में चले गए, परन्तु मीटिंग में अमित शाह और राजनाथ सिंह तो आये ही नहीं। इससे ये साफ़ जाहिर होता है की किसानो के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार कितनी सुचेत है। भाजपानीत केंद्र सरकार का मकसद सिर्फ और सिर्फ किसानों को बरगलाना था और अपने पक्ष में करने की साज़िश थी। जिससे की सरकार को और समय मिल सके ।इस मीटिंग के जरिये सरकार ने जो अपनी गन्दी राजनीती का खेल खेला है, और कमेटी बनाने की जो बात कही है उसकी शहीद फेरुमन अकाली दल-इंडिया निंदा करता है और डट कर विरोध करता है तथा किसानों के साथ खड़ा है। अगर सरकार सच में ही किसानो के साथ है और चूँकि मांगे माननी चाहती है तो ये तीनो कृषि बिलों और दो आर्डिनेंस को रद्द कर स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू कर दे ।उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले दिनों में सरकार द्वारा षड्यंत्र रचकर इस आंदोलन को कुचलने के प्रयास किए गए हैं, उसे देखते हुए बातचीत में केंद्र सरकार की तरफ से की जा रही देरी में षडयंत्र की बू आ रही है। आज देश के लाखों आंदोलनरत किसान सड़कों पर बैठकर धरना दे रहे हैं। लेकिन सरकार गूंगी, बहरी और अंधी बनी हुई है। सरकार का ध्यान सिर्फ किसान आंदोलन को कुचलने पर है।

महंत जसबीर दास ने कहा कि सरकार द्वारा पहले कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर ठंड में पानी की बौछार मारी गईं, किसानों पर आँसू गैस के गोले दागे गए, उनपर लाठीचार्ज किया गया। इस सरकार द्वारा किसानों पर भारी अत्याचार किए जाने के बाद अब उन्हीं पीड़ित किसानों पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है। केंद्र की भाजपा सरकार और हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार किसानों को पूरी तरह से कुचलने पर तुली हुई है। हमारे अन्नदाता जो अपने हक के लिए इन कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ संघर्षरत हैं, उनपर एफआईआर दर्ज करना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उनसे अपराधियों जैसा बर्ताव किया जाना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मेहनतकश किसान देश की रीढ़ है, कोई अपराधी नहीं हैं। हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे तुरंत वापस ले और गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा करे।

महंत जसबीर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी बताएं कि किसानों पर लगातार अत्याचार क्यों किया जा रहा है? किसानों से बातचीत के लिए शर्त क्यों लगाई जा रही है?

उन्होंने आगे कहा की पंजाब, पंजाबियत, किसानों की क़र्ज़ माफ़ी, चंडीगढ़ पंजाब को सौंपे जाने, पानी के मसले को लेकर शहीद दर्शन सिंह फेरुमन ने 72 दिन तक मरणव्रत किया और पंजाबियों के हकों के लिए अपने प्राण त्याग दिए।उनके बाद महंत सेवादास इन्ही मांगों को लेकर 47 दिन तक मरणव्रत पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने एक भी मांग नहीं मानी।महंत सेवादास ने भी सरकार की अनदेखी के चलते अपने त्याग दिए।

महंत जसबीर दास ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने कभी कोई राजनीति नहीं की।उनकी पार्टी ने हमेशा निष्पक्ष रहकर राजनीति की, उनकी पार्टी की तरफ से कभी भी किसी राजनैतिक लाभ का लोभ नहीं किया बल्कि पंजाब के लोगों और किसानों के हितों की लड़ाई लड़ी। उनका दल संघर्ष के साथ था, है और हमेशा रहेगा। उन्होंने देश की  राजनैतिक पार्टियों के नेताओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठ देश के अन्नदाता का साथ देने की अपील की।

उन्होंने कहा कि उनका दल सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देती है और अगर केंद्र सरकार इस समय के दौरान किसानों की मांगे नहीं मानती तो उनकी पार्टी दिल्ली में आकर किसानो के साथ धरना लगा कर भूख हड़ताल शुरू कर देगा ।अगर उसके बाद भी भाजपानीत केंद्र सरकार मांगों को अनसुना करती है, तो व्रत छोड़ मरणव्रत शुरू कर दिया जायेगा।

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