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Monday, 5 October 2020

जेईई परिणाम-श्री चैतन्य इंस्टीट्यूट ने रचा इतिहास, 2 छात्र जेईई-एडवांस्ड 2020 में बने टॉपर

By 121 News

Chandigarh Oct.05, 2020:- जेईई- संयुक्त प्रवेश परीक्षा का बहुप्रतीक्षित परिणाम चंडीगढ़ के लड़कों के लिए काफी शानदार अनुभव देने वाला रहा। ध्वनित बैनीवाल, जिन्होंने 396 में से 321 अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक-10(एआईआर-10) हासिल किया, गुरप्रीत सिंह वाधवा ने 396 में से 310 अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक-23 (एआईआर-23) और हेमंक बजाज ने 396 में से 288 अंक लेकर ऑल इंडिया रैंक 71 (एआईआर-71) हासिल किया है। तीनों छात्र श्री चैतन्य इंस्टीट्यूट के रेगुलर क्लासरूम के छात्र हैं। श्री चैतन्य टीम ने जेईई एडवांस्ड 2017 और 2018 में एआईआर 1 छात्र दिए हैं। इस साल फिर से, श्री चैतन्य इंस्टीट्यूट ने ट्राईसिटी से शीर्ष रैंक देकर एक बार फिर से अपने आप को साबित किया है। इनके साथ ही हेमंक बजाज, भी ऐसा तीसरा स्टूडेंट है, जिसने टॉप 100 में अपना नाम दर्ज करवाया है। हेमंक ने 396 में से 288 अंक लेकर ऑल इंडिया रैंक 71 (एआईआर-71) हासिल किया है।  छात्रों का परिवार उन्हें जेईई एडवांस्ड में मिले परिणाम से बहुत खुश है।

अपनी सफलता के मंत्र को साझा करते हुए, ध्वनित ने कहा कि अभ्यास, शिक्षकों से निरंतर मार्गदर्शन, माता-पिता से समर्थन, किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए सबसे अधिक आवश्यक चीज है और ये सभी वह कारक हैं जो आपको परीक्षा के दिन भाग्यशाली बनाता है। सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में भवन विद्यालय, पंचकूला, के एल्यूमनी ध्वनित और गुरप्रीत ने क्रमश: 97.6 प्रतिशत और 97.8 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। 

गुरप्रीत से जब उनकी सफलता के मंत्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें सबसे अधिक विश्वास तीन बिंदुओं, ''जीवन में अनुशासन महत्वपूर्ण है और शिक्षकों और मेंटर्स पर संपूर्ण  विश्वास, कड़ी मेहनत के साथ काम करना'', पर है। 

ध्वनित की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए, उनके पिता, धर्मपाल सिंह बैनीवाल, जो कि स्वयं भी एक सिविल इंजीनियर हैं, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, हरियाणा से चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, ने कहा कि मेरे बेटे ने मुझे फिर से गौरवान्वित किया है। उसकी कड़ी मेहनत ने आखिरकार बेहतरीन परिणाम दिया है और हम सभी अब बहुत खुश हैं।'' उल्लेखनीय है कि ध्वनित का भाई भी श्री चैतन्य का छात्र रह चुका है और इस समय वह आईआईटी रूढ़की का एल्यूमनस है। 

एक गारमेंट एक्सपोर्ट हाउस के मालिक गुरप्रीत के पिता ने हमेशा अपने बेटे को पढ़ाई में सहयोग देने की बात करते हुए कहा कि माता-पिता के रूप में हम अपने बेटे के साथ इस सफलता पर खुशी और गर्व महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने अपने दादा-दादी और शिक्षकों के आशीर्वाद के साथ अपने सपनों को पूरा किया है। हम श्री चैतन्य शिक्षकों के बहुत आभारी हैं जिन्होंने महामारी के दौरान भी हमारे बच्चों पर अपनी कड़ी मेहनत जारी रखी।'' वहीं गुरप्रीत की मां, जो कि एक कैमिस्ट्री टीचर हैं, ने कहा कि मुझे यकीन था कि मेरे बेटे की मेहनत उसे एक दिन सफलता प्रदान करेगी। ईश्वर,  उसकी सभी इच्छाओं को पूरा करे।

महामारी ने उन्हें कैसे प्रभावित किया, गुरप्रीत ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहले सोचा था कि यह महामारी जल्द ही समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लेकिन जब यह इतने लंबे समय तक फैला रहा, तो मैंने अपनी तैयारी को धीरे धीरे बढ़ाना शुरू किया और आगे बढ़ता गया। अपने मेंटर्स के कुशल मार्गदर्शन और अनुशासन ने मुझे काफी अच्छे से तैयारी करने में मदद की।

ध्वनित महसूस करते हैं कि निरंतरता उनकी सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि मैंने लॉकडाउन के दौरान नियमित रूप से श्री चैतन्य के नियमित रूप से साप्ताहिक टेस्ट दिए, जिससे मुझे आत्म-विश्लेषण करने और अपने प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिली।

ध्वनित, किशोर विज्ञान प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) स्कॉलर, नेशनल टेलेंट सर्च एग्जामिनेशन (एनटीएसई) स्कॉलर भी हैं। वे इंडियन नेशनल मैथेमेटिक्स ओलंपियाड, इंडियन नेशनल कैमिस्ट्री ओलंपियाड, इंडियन नेशनल फिजिक्स ओलंपियाड और इंडियन नेशनल एस्ट्रोनॉमी ओलंपियाड भी क्वालिफाई कर चुके हैं। 

गुरप्रीत भी एनटीएसई और केवीपीवाई स्कॉलर हैं। इंडियन नेशनल फिजिक्स ओलंपियाड और इंडियन नेशनल कैमिस्ट्री ओलंपियाड भी क्वालिफाई कर चुके हैं। वे 2018 में लुधियाना से कक्षा 10 में आरएमओ क्लियर करने वाला एकमात्र स्टूडेंट था और इससे गणित में उसका आत्मविश्वास बढ़ा। उन्होंने गणित में 100 प्रतिशत के साथ जेईई मेन्स में 126वां रैंक प्राप्त किया। वह पंजाब के उन दो चुने गए स्टूडेंट्स में से एक था, जिनको धु्रव तारा अवॉर्ड के लिए चुना गया था। उसे ये अवॉर्ड उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा प्रदान किया गया था। धु्रव अवॉर्ड, गुरप्रीत को इसरो तक ले गया और वह 15 दिनों तक आईआईटी में भी रहा। 

हेमंक बजाज भी इंडियन नेशनल मैथेमेटिक्स ओलंपियाड और नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन कैमिस्ट्री (एनएसईसी 2019) क्वालिफाई कर चुका है। हेमंक के पिता हमेशा से ही उसे इंजीनियर बनते हुए देखना चाहते थे और उन्होंने उसे प्रोत्साहित करने के लिए हेमंक को वे सभी संसाधन प्रदान करना शुरू किए, जिससे वह अपनी सीमाओं से आगे निकल सके। इस नई सफलता के साथ हेमंक अब अपने ड्रीम कॉलेज-आईआईटी दिल्ली की तरफ बढ़ चला है। 

हेमंक से अपने प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उसने बताया कि अगर आपका ध्यान पूरी तरह से केन्द्रित है तो फिर पढ़ने के घंटों का कोई महत्व नहीं रह जाता है। इसलिए, आपको अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना जरूरी है, साथ ही संतुलंन बनाए रखने और शांत रहने की जरूरत है। मेरा हमेशा अपने टीचर्स और उनके मार्गदर्शन में भरोसा रहा है और मैं ये महसूस करता हूं कि ये ही मेरी सफलता का आधार भी है। मैं अपनी पढ़ाई के साथ ही श्री चैतन्य में अपने दोस्तों के साथ टेबल टैनिस भी खेलता रहता था ताकि मैं अपना संतुलन भी बनाए रख सकूं और मेरा तनाव मेरे परिणाम को प्रभावित ना कर सकेे। अब मेरा लक्ष्य आईआईटी दिल्ली है और मैं इसे पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं।

मृणाल सिंह, सेंटर डायरेक्टर, श्री चैतन्य चंडीगढ़ ने छात्रों के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए छात्रों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी की इस गंभीर स्थिति में भी, श्री चैतन्य के हमारे छात्रों ने दिखाया है कि यदि आप लगातार दृढ़ संकल्प के साथ काम करते हैं तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं है। मैं उन सभी छात्रों को बधाई देना चाहूंगा जिन्होंने जेईई एडवांस्ड में क्वालिफाई किया है। इस सफलता का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत, उनके माता-पिता और श्री चैतन्य के हमारे टीचर्स को जाता है जिन्होंने कोविड 19 के दौरान भी अपने प्रयासों को जारी रखा है।

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