By 121 News
Chandigarh 19th November:- यूटी पावरमैन यूनियन के आह्वान पर चण्डीगढ़ के बिजली कर्मचारियों ने आज बिजली दफ्तर सैक्टर 18 के सामने विषाल रोष रैली की गई। इस रोष रैली का आह्वान सुचारू रूप से तथा मुनाफे में चल रहे चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में, विभाग में खाली पड़ी पोस्टों को भरने, संषोधित पोस्टों पर रखे गये आउटसोर्स कर्मचारियों को विभाग के अधीन कर उनकी सेवायें नियमित करने, कर्मचारियों को 9/16/23 का वेतनमान जारी करने तथा शीघ्र ऐरियर देने, सहायक लाईनमैनों को पिछले तीन साल से पैंडिग डीसी रेट का भुगतान करने, कर्मचारियों की वेतन विसंगित दूर कर ऐरियर का भुगतान करने, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को 5 प्रतिषत सीलिंग खत्म कर पंजाब के आधार पर नौकरी देने, विभाग में फाल्ट लोकेटर वैन, ट्रांसफार्मर, केबल, मीटर तथा अन्य समान का प्रबन्ध करने, कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण देने तथा उनका बीमा करने, पिछले चार साल से गैर कानूनी तौर पर निलंबित रखे गये इंजीनियर शाम लाल को सभी सुविधाऐं देने समेत बहाल करने, आई सी टी की आड़ में विभागीय प्रक्रिया पूरी किये बगैर कर्मचारियों की नियमित वेतन वृद्वि रोकने आदि मांगों के प्रति प्रषासन के मुख्य अभियंता, अधीक्षक अभियंता तथा कार्यकारी अभियंताओं के नकारात्मक तथा अड़ियल रवैये के खिलाफ किया गया।
यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोषी, कार्यकारी प्रधान ध्यान सिंह, अमरीक सिंह, गुरमीत सिंह, नरिन्द्र कुमार, पान सिंह, कर्मजीत सिंह, हरजिन्द्र सिंह आदि यूनियन के पदाधिकारियों ने रैली तथा प्रर्दषन को सम्बोंधित करते हुए प्रषासन द्वारा सुचारू रूप से चल रहे चण्डीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की तिखी निंदा की तथा कहा कि दो दषक पहले तथ कथित सुधारों का हवाला देकर तथा बिजली क्षेत्र के वित्ती हालातों को सुधारने के नाम पर बिजली बोर्डो को तोड़कर कार्पोरेषन तथा कंपनीया बना दी गई तथा बिजली बोर्डो को 26000 करोड़ का घाटे से उबारने की बात की गई जिसके लिए करोड़ो रूपये का अनुदान भी दिया गया तथा बिजली की दरें बढ़ाने की छूट भी दी गई फिर भी अविघटित बिजली बोर्डो का घाटा जो बिजली बोर्डो को तोड़ने से पहले 26000 करोड़ था सरकार के 1,90,000 करोड़ का बेल आउट पैकेज देने के बाद भी बढ़कर 10 लाख करोड़ पहुंच चुका है।
सरकार बार बार यह प्रचार कर रही है कि बिमार तथा घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्रध्बिजली उद्योगो का ही निजीकरण किया जाएगा उसके विपरित चण्डीगढ़ में सौ करोड़ से अधिक मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग के निजीकरण करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जो किसी भी तरह न्यायोचित नहीं है इसलिए प्रषासन को निजीकरण की प्रक्रिया बंद कर जनता को मुसीबत में डालने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि चण्डीगढ़ के बिजली विभाग में 100 प्रतिषत कर्मचारियों की कमी तथा स्टोर में सामान ना होने के बावजूद विभाग जनता को बेहतर सेवा दे रहा है तथा चण्डीगढ़ में जेई आर सी की स्टैर्ण्ड आफ प्रोफोरमेंस 99.9 प्रतिषत लागू की जा रही है। बेहतर सेवा के लिए विभाग को पिछले पांच साल से लगातार अवार्ड मिल रहे है। चण्डीगढ़ में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों तथा कालोनियों में 95 प्रतिषत से अधिक मीटरिंग सप्लाई दी जा रही है। विभाग में लाइन लोस 10 प्रतिषत से नीचे है। यहां पर सिर्फ बिजली वितरण का ही काम है तथा विभाग सारी मुष्किलों के बावजूद जनता को सस्ती तथा र्निविघन बिजली देने में कामयाब रहा है तथा 100 करोड से अधिक मुनाफे में चल रहा है इसलिए इसका निजीकरण या निगमीकरण करने का प्रषासन का फैसला गैर जरूरी तथा कर्मचारियों तथा जनता के हितों के खिलाफ है।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि इंजिनियरिंग विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने की बजाये विभाग को तहस नहस करने में लगे है। इसके लिए सारी प्रक्रियाओं की अनदेखी की जा रही है तथा कुछ लोगों को फायदा देने के लिए बार बार टैंडर प्रक्रिया शुरू कर रहे है। उन्होंने चण्डीगढ़ प्रषासन के इंजीनियरिंग विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा बार बार कन्सलटैंट की नियुक्ति के लिए टैडर लगाने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है तथा सभी कर्मचारियों से लगातार रैलियां और प्रर्दषनों में शामिल होने तथा दिनांक 22 नवंबर 2019 को बिजली दफ्तर सैक्टर 17 के सामने दिये जा रहे विषाल रोष धरने में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की।
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