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Tuesday, 23 May 2017

केन्द्र की मोदी सरकार के तीन साल असल में देश की बेहाली के साल सिद्ध हुए हैं: पूर्व केन्द्रीय मन्त्री जितेन्द्र सिंह

By Tricitynews Reporter

Chandigarh 23rd May:- पूर्व केन्द्रीय मन्त्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार के तीन साल असल में देश की बेहाली के साल सिद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने किसानों के साथ सिर्फ छलावा किया है। धरतीपुत्र किसानों के हकों पर कुठाराघात कर किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि  पिछले तीन सालों में 14000 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, हर रोज 35 किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। अनाज माफिया तथा जमाखोरों की बलिवेदी पर किसानों की आहुति देना ही असली मायने में भाजपा सरकारों का चाल, चरित्र चेहरा बन गया है।

आज चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर और चण्डीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा की उपस्थिति में पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आंकड़े देकर बताया कि इन तीन सालों मे देश के किसानों की जो बदहाली हुई ऐसी पहले कभी नहीं हुई। केन्द्र की भाजपा सरकार ने अपने चन्द पूंजिपति मित्रों को लाभ देने के लिए 1 लाख 54 हजार करोड़ रूपए के ऋण तो माफ कर दिए परंतु देश का अन्नदाता कहलाने वाले 62 प्रतिशत किसानों को कोई लाभ देने के बारे में केन्द्रीय वित्त मन्त्री ने साफ इंकार कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तो कह रहे हें कि अगर किसानों का कर्ज माफ किया तो विकास के लिए पैसा नहीं बचेगा। फसलों का लाभकारी मुल्य देने के बारे में जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा-पत्र में वादा किया था कि किसानों को उनकी लागत जमा 50 प्रतिशत मुनाफा समर्थन मूल्य के रूप में देगी, जिसे उसने 20 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर नकार दिया। बाद में किसानों से एक और झूठा वादा किया कि 2022 तक फसलों के दाम दुगने कर दिए जायेंगे, जबकि सच्चाई यह है कि तो किसानों को बाजार में फसलों के दाम मिल रहे हैं, ही भाजपा सरकार किसानों से पर्याप्त मात्रा में समर्थन मूल्य पर अनाज खरीद रही है।

जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार ने जो कृषि ऋण माफी का जो जुमला कहा है कि वो सिर्फ छलावा है और किसानों को गुमराह करने के लिए है। उन्होंने कहा कि विदेश से दाल 44 रूप प्रति किलो के हिसाब से आयात की जा रही हैं परंतु बिचोलिये उन्हें लाभ लेकर 230 रूपए प्रति किलो बेच रहें हैं और भाजपा सरकार इस लूट पर आंखे बंद किए बैठी है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश से 9000 हजार करोड़ रूपए से अधिक का गेंहू निर्यात किया गया था परंतु अब भाजपा सरकार के कार्यकाल में विदेशों से गेंहू मंगवाने को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि किसानों की भलाई के लिए जितनी भी योजनायें घोषित की गई हैं वे सारी की सारी ढकोसला हैं, चाहे वह फसल बीमा योजना हो या किसान के कल्याण की योजना हो। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, कृषि विकास योजना आदि योजनाओं के लिए पहले के मुकाबले हर वर्ष धन की कटौती की गई है और कई जगह तो यह आधे से भी कम रहा गया है। किसानों के लिए फसल बीमा योजना को जो आडम्बर भाजपा सरकार ने रचा है वह किसानो के साथ सिर्फ छलावे के अलावा और कुछ नहीं है। इससे पूर्व एक साल में रबि और खरीफ की फसलों से निजी कंपनियों को 20 हजार करोड़ रूपयों का लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्य बीते तीन वर्षों से सूखे की गिरफ्त में हैं, मगर केन्द्र सरकार के नकारात्मक रवैये से किसान हताश हैं। हमने देखा कि तमिलनाडु के किसानों ने कई दिनों तक जंतर-मंतर पर धरना दिया, भूख हड़ताल की और विभिन्न प्रकार से केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया, परंतु फिर भी भाजपा की सरकार ने किसानों की पीड़ा को सुनना भी उचित नहीं समझा।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि केन्द्र और हरियाणा की भाजपा सरकारें किसान विरोधी हैं। इन सरकारों ने जो भी योजनायें किसान हितैषी होने की घोषणा की है वो सिर्फ जुमलेबाजी के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रचार तो करती है कि देश विकास की ओर जा रहा है परंतु हकीकत इसके बिलकुल उलट है। देशवासियों, विशेषकर किसानों की स्थिति दिन-प्रति-दिन बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ घोषणायें ही करती है परन्तु उन घोषणाओं को कार्यन्वित करने के लिए कोई पग नहीं उठाती है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है।

आज इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता कुलदीप सोनी, कोषाध्यक्ष तरूण भंडारी, महासचिव मनवीर कौर गिल, सचिव भूपेन्द्र सिंह राणा, चंडीगढ़ कांग्रेस कमेटी के महासचिव हरमोहिन्द्र सिंह लक्की तथा सचिव अजय शर्मा आदि मौजूद थे।

 

 

 

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