By 121 News
Chandigarh 03rd November:- माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 10 साल से अधिक काम कर रहे अध्कि को रेगुलर कर्मचारियों की तरह बेसिक पे, डीऐ, सीसीऐ, साईकिल भत्ता, हाऊस रैन्ट, अलाऊन्स, मैडिकल अलाऊन्स आदि का भुगतान करना । डेलीवेज से पक्के हुए कर्मचारियों पर पंजाब गर्वमैन्ट के 15 जनवरी 2015 के फैसले को लागू न कर इन कर्मचारियों को उपरोक्त सभी भत्ते देना, कर्मचारियों की वर्कचाज सर्विस काउन्ट कर उन्हे 4, 9 , 14 का स्केल देना, 5 प्रतिशत सींलिग खत्म कर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को पंजाब की पद्धति पर नौकरी देना, सभी कैटेगरियों की खाली पडी परमोशन तथा सीधी भर्ती की पोस्टो को शीघ्र भरना, कर्मचारियो के लिए बनाये गये नियमों में संशोध्न करना, कर्मचारियों को औजार, सुरक्षा उपकरष, वर्दियां, रैन कोट, तेल साबुन, एलटीए आदि का भुगतान करना तथा आउट सोर्स ऐंजीसिंयो द्वारा रखे गये कर्मचारियों को डीसी रेट देना यकीनी बनाना, सभी डेलीवेज, वर्कचाज, कान्ट्रैक्ट कर्मचारियों ईपीएफ स्कीम लागू करना आदि मांगो को लागू कराने के लिए फैडरेशन ऑफ यू.टी. ईम्पलाईज एष्ड वर्कर चष्डीगढ द्वारा 29 नंवम्बर 2016 को सैक्टर 17 में विशाल ध्रना देने का फैसला किया है । इस सम्बन्ध् में अलग-अलग दफ्रतरों के सामने गेट मींटिग व रैलियों का सिलसिला शुरू कर दिया गया है ।
फैडरेशन के प्रधान रघबीर चन्द, महासचिव गोपाल दत्त जोशी, वरिष्ठ उपप्रधान विजय सिंह, राजिन्द्र कटोच, भीम सैन, सतपाल, हरपाल सिंह, शमशेर सिंह, विशराम, पी कामराज, रेखा शर्मा, नसीब सिंह, चैन सिंह, बरसाती, जयपाल आदि ने मांगो के प्रति प्रशासन के अडियल रवैये की निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन से यूटी कर्मचारियों को पंजाब के कर्मचारियों के बराबर स्केल व भत्ते पूरी तरह लागू करने की मांग की । वक्ताओं ने चष्डीगढ प्रशासन से माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 26 अक्तूबर 2016 कोे बराबर काम के लिए बराबर वेतन पर दिये गये फैसले के अनुसार सभी डेलीवेज, कान्ट्रैक्ट तथा आउटसोर्स एंजन्सियों के मार्फथ रखे हुए ठेका कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारियों के बराबर वेतन देने की मांग की तथा इस फैसले को शीघ्र लागू न करने पर विशाल संघर्ष करने की चेतावनी दी । उन्होनें सभी कर्मचारियो कों 29 नवंम्बर 2016 को सैक्टर 17 में दिये जा रहे धरने में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की ताकि प्रशासन की कर्मचारी विरोधी नीतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाये ।
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