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Tuesday, 26 July 2016

भारत सरकार गौ माता को दे राष्ट्रमाता का सवैधानिक सम्मान गौ हत्या को मनुष्य हत्या के समान दण्ड देने का हो प्रावधान:परम् पूज्य गोपालमणि जी

By 121 News

Chandigarh 26th July:- हमारे देश में भगवान श्री कृष्ण ने जीवन भर गौ बढ़ाने का मुद्दा उठाये रखा और भगवान राम ने गौ रक्षण का कार्य जीवनभर किया। हमको भी अपने आर्दर्शों की रक्षा करनी चाहिए। राम, कृष्ण शिव भगवान ने एक ही कार्य किया वह है गौर रक्षण गौबद्र्धन। और जब जब हम गौ की महिमा जन जन तक पहुंचायेगें तभी गौ का श्राप भी दूर हो जायेगा। यह प्रवचन भारतीय गौ क्रांति मंच के संस्थापक परम् पूज्य गोपालमणि जी महाराज ने श्रद्धालुओं  से कहे।  

परम् पूज्य गोपालमणि जी गौ प्रतिष्ठा भारत यात्रा के अंतर्गत 52वीं एक दिवसीय धेनुमानस गौ कथा एवं जनपद स्तरीय महारैली में गौ माता की महिमा के प्रति लोगों को जागरूक करने, गौ माता को  राष्ट्र माता का सवैधानिक सम्मान दिलवाने तथा गौ हत्या के विरोध में  सेक्टर 34 के प्रदंर्शनी मैदान में आये हुए थे। इस अवसर पर भारतीय गौ क्रांति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष शर्मा, नंद कुमार, कन्हैया लाल, हरिश नैनवाल, श्रीदेवालय पूजक परिषद्, चंडीगढ के प्रधान पं. ईश्वर चंद्र शास्त्री, पं.ओम प्रकाश शास्त्री जी, पं. राम गोपाल, पं.लाल बहादूर दूबे, आचार्य स्वामी प्रसाद मिश्र, सुभाष चंद्र शर्मा, पं.श्याम सुंदर शास्त्री, गिरिवर शर्मा, रतनाजी ने उनका स्वागत् किया और उन्हें फूल मालायें पहनाई।

इस रैली में ट्राईसिटी के लोगों के अलावा हिमाचल प्रदेश, उतर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू से सैकड़ों लोग आये हुए थे। 

परम् पूज्य गोपालमणि जी महाराज ने श्रद्धालुओं को बताया कि वेद से लेकर हनुमान चालीसा तक तभी सिद्ध होती है जब हम गौ को साक्षी रखते है। हमारे यहां वेदमाता गायत्री गौ के लिए ही कहा हुआ है इसलिए गाय ने ही हमें वेद पुराण उपनिषद धर्म ग्रंथ, गीता भागवत सब कु गौ ने ही प्रकट किये। इसलिए गौ को सम्मान की जरूरत है।

परम् पूज्य गोपाल मणि जी ने बताया कि भारतीय गौ क्रांति मंच सरकार के समक्ष गौ माता को राष्ट्रमाता का सवैधानिक सम्मान दिया जाये की मांग के साथ गौ मंत्रालय अलग से स्थापित किये जाने की मांग करता है। उन्होंने बताया कि इस मांग के अलावा गौ हत्या को मनुष्य हत्या के समान दण्ड देने का प्रावधान किया जाये। भारतीय नस्ल की गाय का संवर्धन हो तथा 10 वर्ष के बालक-बालिकाओं को भारतीय गाय के दूध की व्यवस्था हो। गौ चरान भूमि गायों के लिए उपलब्ध करवाई जाये। गाय के गोबर की गैस(मीथेन गैस), डीजल, पैट्रोल का विकल्प है उसके संयंत्र स्थापित हो।

उन्होंने गौ की दयनीय स्थिति पर कहा कि आज हमारे द्वारा किये गये यज्ञ, दान, धर्म, पूजा पाठ आदि का हमें फल नही मिल रहा है जिसका कारण धरती पर गौ का रक्त गिर रहा है और जब हमारे द्वारा किये गये सद्कर्म शुभकर्म अपना फल नही दे  सकते है इसका उल्लेख भागवत कथा के ही धेनुकासुर प्रसंग में पहले ही वर्णित है। 

 

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