By 121 News
Chandigarh 22nd February:- इनेलो ने हरियाणा के राज्यपाल को एक ज्ञापन देकर प्रदेश की भाजपा सरकार को बर्खास्त किए जाने, प्रदेश में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की न्यायिक जांच करवाए जाने, हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा व नौकरी दिए जाने और जिन लोगों की निजी सम्पति को नुकसान पहुंचा है उन्हें समुचित मुआवजा दिए जाने की मांग की। इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में इनेलो के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को प्रदेश की मौजूदा स्थिति से अवगत करवाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करने में विफल रही है और अनेक लोगों की न सिर्फ बहुमूल्य जानें चली गई बल्कि हजारों करोड़ रुपए के निजी व सार्वजनिक सम्पत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। इनेलो प्रतिनिधिमण्डल में अभय चौटाला के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, विधायक दल के उपनेता जसविंद्र सिंह संधू, विधायक प्रो. रविंद्र सिंह बलियाला, आरएस चौधरी, बीडी ढालिया, एमएस मलिक, पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी, मीडिया प्रभारी राम सिंह बराड़, कार्यालय सचिव एनएस मल्हान, अशोक शेरवाल, प्रवीन अत्रे व हरबंस सिंह भी शामिल थे। नेता प्रतिपक्ष ने तुरंत विधानसभा का सत्र बुला दो लाइन का प्रस्ताव पारित कर सरकार से अपना वादा निभाने को कहा।
नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश की मौजूदा स्थिति पिछले काफी समय से निरंतर बिगड़ रही थी और भाजपा के एक सांसद द्वारा आए दिन एक जाति विशेष के खिलाफ अनर्गल भाषा व उत्तेजनात्मक बयानों से राज्य के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ा जा रहा था। इनेलो सहित राज्य के अनेक वर्गों ने सरकार से आग्रह किया था कि ऐसे नेता पर अंकुश लगाने के साथ उस पर समाज को बांटने के आरोप में भी कार्रवाई की जाए लेकिन इनेलो की इस चेतावनी को निरंतर अनदेखा किया गया। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश हिंसा की आग में जल रहा है और अनेक जानें चली गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मौजूदा स्थिति के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है क्योंकि प्रदेश का राजनीतिक नेतृत्व प्रशासन को अपेक्षित दिशा देने में पूरी तरह से विफल रहा और सरकार ने न तो जनभावनाओं का गम्भीरता से सही आकलन किया और न ही जब हिंसा भडक़ी तो उसको काबू करने की सरकार द्वारा इच्छाशक्ति दिखाई दी। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर जाटों के आंदोलन के प्रारम्भिक दिनों में सरकार द्वारा किसी भरोसेमंद मध्यस्थ द्वारा बातचीत करना तो दूर उसने उन नेताओं पर भी लगाम लगाना जरूरी नहीं समझा जो न केवल एक जाति विशेष के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते रहे बल्कि राज्य में गृह युद्ध जैसी स्थिति बनाने के लिए भी प्रयत्नशील दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि संवैधानिक दायित्व का पालन करने में पूरी तरह से विफल रही प्रदेश सरकार को एक दिन भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है इसलिए इनेलो महामहिम से राज्य सरकार को तुरंत बर्खास्त किए जाने की मांग करती है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद भी भाजपा नेतृत्व द्वारा पूरी तरह भ्रम की स्थिति पैदा की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले एक साल से जाटों को आरक्षण देने का जब वादा कर रही है तो उन्हें तुरंत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस बारे विधेयक लाना चाहिए और आज राज्य मंत्रिमण्डल की हो रही बैठक में तुरंत सत्र बुलाने की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक साल पहले जब सर्वोच्च न्यायालय से जाट आरक्षण के खिलाफ फैसला आया था तो मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रधानमंत्री तक ने जाटों को आरक्षण देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हरियाणा को अपना दूसरा घर बताते रहे हैं और अब उनका दूसरा घर जल रहा है, पूरी दुनियां चिंतित है ऐसे में प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वे लोगों की भावनाओं को समझते हुए वादा पूरा करने का भरोसा देकर प्रदेश में शांति बनाए रखने की पहल करें।
इनेलो नेता ने प्रदेश में लोगों को भडक़ाकर जातीय झगड़े करवाने और राज्य को आग में झोंकने वाले कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ सरकार तुरंत मामला दर्ज कर कार्रवाई करे। उन्होंने आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवारों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा और नौकरी के साथ-साथ जिन दुकानदारों की दुकानें व मकान जलाए गए हैं उन्हें सरकार की ओर से मुआवजा दिए जाने की मांग की ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके। उन्होंने प्रदेश की 36 बिरादरी से अपील की कि वे सदियों से अपने भाईचारे को बनाए रखते हुए शांति कायम करें और किसी के भी बहकावे में न आएं। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे मंत्री, विधायकों व सांसदों का पिछले कई दिनों से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई बयान नहीं आ रहा और वे लोग न जाने कहां छिपकर बैठ गए हैं? उन्होंने कहा कि आज सरकार में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक सब पीछे हट गए हैं और गृह सचिव व डीजीपी को आगे कर दिया है जबकि प्रदेश के लोग अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से जवाब मांग रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने सवालों के जवाब में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार की ऑडियो क्लीप जारी होने से साफ हो गया है कि शांतिपूर्वक धरना देने वालों को कैसे उकसाने की कोशिश की गई और अब भूपेंद्र हुड्डा खुद दिल्ली जाकर बैठ गया है और आरक्षण की मांग पर कुछ भी नहीं बोल रहा। उन्होंने इस ऑडियो क्लीप की सरकार से जांच करवाए जाने और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए कहा कि इससे यह भी साफ हो गया है कि सरकार सबके फोन असंवैधानिक तरीके से टेप कर रही है। उन्होंने भिवानी व रोहतक के भाजपा नेताओं द्वारा झगड़ों की शुरुआत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश की 36 बिरादरी के लोगों से अपील करते हैं कि हम आज भी उन सबके साथ हैं। हमारे प्रदेश का भाईचारा एक मिसाल रहा है और दुख सुख में हम सब साथी रहे हैं और गांव में किसी की भी परेशानी हो तो उसे सबकी परेशानी मानते रहे हैं। हरियाणा में आज भी गांव की बेटी गांव में इसलिए नहीं ब्याही जाती क्योंकि गांव में आपसी भाईचारे के चलते पूरे गांव को एक परिवार माना जाता है और गांव में सर्वजाति सद्भाव व बढिय़ा रिश्ते रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मौजूदा घटनाक्रम सीएम की अनुभवहीनता और मौजूदा विवाद के लिए स्वयं भाजपा सरकार जिम्मेदार है हालांकि इसकी शुरुआत कांग्रेस ने आधे अधूरे आरक्षण देकर की।
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