By 121 News Reporter
Chandigarh 13th January: -- हेल्दीवे इमिग्रेशन कंपनी के संचालक अमित कक्कड़ ने पूर्व एसएसपी नौनिहाल सिंह और उनके करीबी दोस्तों जसविंदर वालिया, कर्ण अरोड़ा पर 4 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। कक्कड़ ने आईजी आरपी उपाध्याय को शिकायत दी है। आईजी ने फैक्ट फाइंडिंग इंक्वायरी मार्क करने की बात कही है।
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कक्कड़ ने नौनिहाल सिंह, डीएसपी अनिल जोशी, प्लानेट बुल के कर्ण अरोड़ा, क्राइम ब्रांच के एसआई राजदीप, पूर्व चीफ बैंक मैनेजर अविनाश चंदर धवन और इंस्पेक्टर दीवान सिंह को रिश्वतखोरी की पूरी टीम बताया। इमिग्रेशन फ्रॉड में कक्कड़ पर सबसे पहले केस दर्ज करने वाले डीएसपी आशीष कपूर के बारे में कक्कड़ ने कहा कि कपूर ने अफसरों के दबाव में काम किया, न उन्होंने कभी पैसा मांगा, न ही उन्हें कभी पैसा दिया गया। कक्कड़ के मुताबिक इस रिश्वतखोरी की पूरी शिकायत उन्होंने दिल्ली सीबीआई को रिकॉर्डिंग समेत दे रखी है। कक्कड़ ने कहा- मुझे डराया गया कि जिस बिजनेस में हूं, पुलिस के खिलाफ गया तो कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस मुझे कंगाल कर चुकी है, हेल्दीवे का ऑफिस ही बंद कर दिया है। अब पुलिस का कोई डर नहीं है। कक्कड़ ने बताया कि एक डीएसपी और कर्ण अरोड़ा के खिलाफ पहले शिकायत दी थी। दबाव डाला गया, जिसके बाद शिकायत वापस लेनी पड़ी थी।
कक्कड़ के आरोप: नौनिहाल ने कहा था, पैसों की सारी बात कर्ण अरोड़ा से करो I पुलिस ने मुझ पर आरोप लगाए थे कि मैंने लोगों के 1 करोड़ रुपए ठगे। मैंने 2 करोड़ रुपए लोगों के उतारे। 4 करोड़ नौनिहाल सिंह और उनकी टीम ले गई। ये सबसे बड़े ठग हैं। कर्ण अरोड़ा जैसे लोगों के कहने पर मुझ पर कार्रवाई हुई। मेरे आरोप सच्चे हैं, मैं बिना शर्त नारको टेस्ट कराने को तैयार हूं। एक और डीएसपी की करतूत जल्द सामने लाऊंगा। मैं जानता हूं कि कैसे मुझे टॉर्चर किया गया, मां-बाप, बीवी और स्टाफ को नाजायज गिरफ्तारी से बचाने के लिए सब सहा, 4 करोड़ रिश्वत दी। दो कोठियां बेच दीं। अब कंपनी बंद है। लेकिन मुझे अब के अफसरों और सीबीआई पर यकीन है
अमित कक्कड़, ने बताया कि जब मैं कस्टडी में था, तो 18 अगस्त 2011 को थाना-36 में पहले एसआई राजदीप आया। उसने कहा कि साहब आएंगे, सीसीटीवी बंद करवाएं। इसके बाद सीसीटीवी बंद हो गया। फिर डीएसपी अनिल जोशी आए, तब तक मेरे से रिश्वत की बात हो गई थी। इसके बाद एसएसपी नौनिहाल सिंह आए, जिनके साथ कर्ण अरोड़ा मौजूद था। नौनिहाल सिंह ने कहा कि अपने बाप को कह दो कि पैसों की सारी बात सिर्फ और सिर्फ कर्ण अरोड़ा से करें। इसके बाद मैंने अपने पिता को कहा। जिसके बाद पैसा दिया जाने लगा।
कस्टडी के दौरान पैसा देने के लिए कर्ण ने दबाव डाला। इंस्पेक्टर दीवान सिंह और एसआई राजदीप मुझे कपड़े निकलवाकर बिठा देते थे। पिता के सामने इसी हालत में ले जाते थे। कस्टडी के दौरान ही पिता ने सेक्टर-43 में 10 मरले की कोठी और सेक्टर-42 में 10 मरले की कोठी बेची। जो व्हाइट में पैसा आया वह करीब दो-ढाई करोड़ था। ब्लैक में करीब 5 करोड़ आया, उसमें से 4 करोड़ पुलिस को दिए। 2.35 करोड़ रुपए नौनिहाल के कहने पर कर्ण अरोड़ा को जीरकपुर फ्लाईओवर पर पिता से डिलीवर करवाए। उस दौरान कर्ण के साथ नौनिहाल सिंह का दोस्त जसविंदर वालिया और एसआई राजदीप भी था। 1.65 लाख रुपए डीएसपी अनिल जोशी को दिए। यह रकम सेक्टर-43 की मंडी में दी गई। पैसा हेल्दीवे के बैग में डाल कर दिया गया। जिसमें नीचे पैसा और ऊपर जोशी के कहने पर सब्जी डालकर दी गई। जोशी को पैसा उनके रिश्तेदार अविनाश दीवान के कहने पर दिया गया। अनिल जोशी ने कार की डिक्की खुली छोड़ दी, कहा कि बैग रखो और चले जाओ।
आईजी आरपी उपाध्याय ने अमित कक्कड़ से शिकायत मिलने के बाद एसएसपी एस.एस. गिल को इंक्वायरी मार्क कर दी है।
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