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Monday, 27 January 2014

पंजाब सरकार तंबाकू पदार्थों पर वैट 55 प्रतिशत से घटा किया 22 प्रतिशत:एनजीओ द्वारा किए गए खुलासे अनुसार पंजाब में तंबाकू पर वैट बढ़ाने से इसका:हो रहे नुक्सान की पूर्ति के लिए किया गया निर्णय

By 121 News Reporter

Chandigarh 27th January:-- पंजाब सरकार जहां कैंसर जैसी नामुराद बीमारी पर करोड़ों रुपए खर्च करके अस्पताल खोल रही है वहीं तंबाकू जैसे कैंसर की जड़ माने जाने वाले तंबाकू उत्पादकों को पंजाब में प्रफुल्लित कर रही है, उक्त बात वाईस आफ तंबाकू विकटिम नाम के एनजीओ द्वारा चंडगीढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफे्रंस में कही। एनजीओ के प्रोजैक्ट डायरेक्टर आशिमा शरीन व अमितश्वेर कौर, एडवोकेट व एमसी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार द्वारा अपनाए जा रहे दोहरे मापदंडों का खुलास करते हुए बताया कि सरकार द्वारा जहां लोगों की मांग पर पंजाब में तंबाकू की खप्त को घटाने के उद्देश्य से तंबाकू पदार्थां पर गत वर्ष 55 प्रतिशत टैक्स लगाया था वहीं सरकार ने सिर्फ अपने वित्तीय घाटे को कम करने के उद्देश्य से यह टैक्स 55 प्रतिशत से कम करके 22 प्रतिशत कर रही है । जबकि इस निर्णय से तंबाकू पदार्थों के रेट कम होने व खप्त बढऩे से होने वाली मुत्यु को पूरी तरह आखों से ओझल कर दिया। इस अवसर पर आईवी अस्पताल के सीनियर कंस्लटेंट डॉ. कुलविन्द्र सोढ़ी व डॉ. जतिन सरीन ने तंबाकू से होने वाले नुक्सानों बारे सभी को जानकारी दी।

आशिमा सरीन ने अकाली सरकार पर बरसते हुए कहा कि एक तरफ राजस्थान जैसे राज्य कैंसर पर काबू पाने के लिए तंबाकू पदार्थों पर 65 प्रतिशत टैक्स लगा रही है वहीं गुरुओं पीरों की धरती पंजाब, जहां कि तंबाकू पूरी तरह बैन होना चाहिए वहां एक्साईज विभाग अपना खजाना भरने के लिए टैक्स कम करके 22 प्रतिशत कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया में खबरें नश्र हुई हैं कि कैंसर के सहायता फंड कम हो रहे हैं क्योंकि गत वर्ष तंबाकू का उपयोग कम होने से कैंसर के केसों में कमी आ रही थी। इसीलिए कहीं टैक्सेशन विभाग को सिगरेट, बीड़ी व अन्य तंबाकू पदार्थों पर वैट कम करने के लिए आदेश दिए गए हो सकते हैं।

अमितेश्वर कौर ने ग्लोबल एडलट तंबाकू सर्वे नामक संस्था द्वारा 2010 में कराए गए एक सर्वे का हवाा देते हुए खुलास किया कि पंजाब में 15 वर्ष से उपर लगभग 24 लाख लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जबकि भारत भर में 275 मिलीयन के करीब लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें 25.9 प्रतिशत लोग तंबाकू का सीधा सेवन करते हैं, 5.7 प्रतिशत लोग सिगरेट व 9.2 प्रतिशत लोग बीड़ी का उपयोग करते हैं। अमितेश्वर द्वारा पेश किए गए डेटा अनुसार भारत भर में सालाना तंबाकू के उपयोग से एक लगभग एक मिलीयन लोगों की मृत्यु होती है और रोजाना औसतन लगभग 2500 बनती है, जबकि तंबाकू से मरने वाले पंजाबियों की संख्या 9 लाख बनती है। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि पंजाब के निवासियों की तंबाकू से मरने की दर इसका अहम हिस्सा बन रही है। अमितेश्वर कौर ने पंजाब सरकार से मांग करते हुए कहा कि जहां गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की सृजना करते हुए इस नामुराद बीमारी प्रति पहले ही जागरुक होते हुए तंबाकू के उपयोग से रोका था वहीं आज इस धरती पर नशों का यह छठा दरिया बह रहा है।

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