By 121 News
Chandigarh May 01, 2022:- रूह—ए—दर्द पंजाब सिक्ख समुदाय के असली नायक दीप सिद्धू दिवगंत दीप सिद्धू के सपने को साकार करते हुए सेक्टर 116 स्थित एससीओ 1 सी, लाईफ स्टाइल स्कवेयर में 'वारिस पंजाब दे' नामक एक सामाजिक संगठन के कार्यालय का हुआ शुभारंभ किया गया, जो कि लोकहित व सरकार से जायज मांगों को पूरा करवाने के लिए करेगी काम इससे पूर्व श्रीसुखमनी साहिब का पाठ किया गया।
इस अवसर पर दीप सिद्धू के भाई मंदीप सिद्धू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज की प्रेस कांफ्रेंस का उद्देश्य उस कार्यालय का उद्घाटन करना है जिसे बाई दीप जीवन भर प्रयासरत रहे हैं और यह बाई दीप का सपना था कि संगठन का एक कार्यालय हो और उस सपने के साथ आज हम इसका शुभारंभ करने जा रहे हैं। इसके बाद फिर लुधियाना, जालंधर, बठिंडा में संगठन के अन्य कार्यालयों को खोलने की कोशिश करेंगे, क्योंकि यह बाई दीप का सपना था। इस बारे में बाबा पलविंदर सिंह तलवार और मंदीप सिंह आपको विस्तार से बताएंगे।
इस अवसर पर दीप सिद्धू के भाई मंदीप सिद्धू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वारिस पंजाब दे संगठन भाई दीप ने संगत के सहयोग से एक सामाजिक संगठन बनाया था, पिछले दो महीनों में भाई की शहादत के बाद फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट और भ्रामक खबरें देखने को मिली हैं। हम इन सभी का खंडन करते हैं, जो न तो कानूनी रूप से मान्य हैं और इस बारे में संगत में बहुत दुविधापूर्ण और असमंजस में था, क्योंकि बाई दीप द्वारा गठित 16 सदस्यीय टीम के अधिकांश सदस्य आज यहां मौजूद हैं जिन्हें भाई दीप ने नियुक्त किया था। और प्रधान हरनेक सिंह उप्पल को थामा, तो नए प्रधान या मुख सेवादार के पद की क्या आवश्यकता है?
कुछ शरारती तत्व संगत और परिवार के खिलाफ झूठा प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं और एक विशिष्ट उद्देश्य या एजेंडे के तहत दीप के साथ जो लोग चल रहे थे उनके खिलाफ गलत प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों ऐसे लोगों से सावधान रहे।
दीप सिद्धू द्वारा गठित यह सामाजिक संगठन को परिवार को पूरा समर्थन देना चाहिए ताकि वे पंजाब के अस्तित्व और शाही दावे के लिए एक साथ लड़ सकें जो दीप का सपना था।
शहीद भाई संदीप सिंह दीप सिद्धू की कमाई और शहादत इतनी महान है कि उन्हें किसी एक संगठन या राजनीतिक दल तक सीमित नहीं रखा जा सकता। दीप सिद्धू सभी से प्यार करते थे और सभी के संपर्क में रहते थे और सभी को अपने साथ लेकर चलते थे। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि दीप की इस सोच पर पूरी तरह अमल होगा. आने वाले दिनों में सभी पंथिक और पंजाब विचारधारा वाले लोगों से संपर्क किया जाएगा। दुबई में बैठे इंग्लैंड के कुछ लोग और पंथ और संगत और परिवार की मंजूरी के बिना वारिस पंजाब जत्थेबंदी का दावा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि शहीद भाई संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू की कमाई और शहादत इतनी बड़ी है कि उसको कोई भी एक संगठन या राजनैतिक पार्टी में बाँध कर नहीं रखा जा सकता। दीप सिद्धू सब को प्यार करता था और सब के साथ सांझ बना कर रखता था और हर किसी को साथ ले कर चलता था। उन्होंने कहा कि हम दीप की इस सोच पर खरा होकर चलने का भरोसा दिलाते हैं। आने वाले दिनों में सभी पंथक और पंजाब प्रति सोच रखने वालों के साथ संपर्क किया जायेगा। कुछ लोग इंग्लैंड से, दुबई से बैठ कर बिना पंथ और संगत और परिवार की परवानगी से बिना वारिस पंजाब दे संगठन पर दावा नहीं कर सकते।
आज यहां दीप के परिवार के साथ वे सभी चेहरे मौजूद हैं जिन्होंने दीप के साथ शुरू से ही जमीनी स्तर पर काम किया है और पंजाब और पंथ की सेवा की है। कोई चेहरा बड़ा या छोटा नहीं होता, सब बराबर होते हैं और सब नौकर होते हैं। हम सभी दीप के परिवार का पूरा सम्मान करते हैं और करते रहेंगे। किसी को यह पूछने का अधिकार नहीं है कि दीप के लिए परिवार का क्या समर्थन था। पूरी दुनिया जानती है कि जब सभी दीप के खिलाफ थे और जब दीप जेल में थे तो उनके परिवार और दोस्त उनके साथ खड़े थे।
उन्होंने बताया कि पंजाब सिख राष्ट्र के असली नायक दीप सिद्धू ऐसी सोच और पवित्र आत्मा हैं। उन्होंने किसी भी राजनीति की परवाह नहीं की, वे सिर्फ प्रधानगी, विधायकों, सांसदों और अन्य पदों पर ठोकर मारते थे। वह न तो अध्यक्ष थे और न ही संगठन के सदस्य, क्योंकि उन्हें लगा कि ये चीजें बहुत छोटी हैं। दीप ने सिर्फ अकाल की राजनीति पर बात की। भाई दीप हमेशा सभी को समान समझते थे और सभी सेवादार के रूप में काम करते हैं तो मुख्य सेवक के पद की क्या आवश्यकता है?
उन्होंने कहा कि अपनी राजनीति, अपनी आध्यात्मिकता और शहादत को स्थापित करने के लिए दीप सिद्धू के नाम का इस्तेमाल करना पंजाब के साथ विश्वासघात है। हम सभी से अनुरोध और चेतावनी भी देते हैं कि कोई भी दीप सिद्धू और उनकी शहादत के नाम पर पंजाब और विदेशों में संगत को गुमराह करने की कोशिश न करे।
मंदीप सिद्धू ने बताया कि आने वाले दिनों में संगठन अपना कार्यक्रम देगा जिसमें बंदी सिखों की रिहाई के लिए संघर्ष किया जाएगा और आने वाले दिनों में एसजीपीसी चुनाव कराने के लिए सभी पंथिक दलों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दीप सिद्धू मेमोरियल ट्रस्ट बारे जो भी काम काज समाज भलाई और अन्य ज्यरी सूचनाएँ जैसे मैनेजिंग टीम का गठन, आने वाले प्रोजेक्ट जैसे 5 गाँवों को गोद ले कर, जैसे कि दीप का स्वप्न था, कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर सेमीनार आयोजित किये जाएंगे, जिससे दीप की सोच को घर घर तक पहुँचाया जा सके।
इस अवसर पर दीप सिद्धू के भाई मंदीप सिद्धू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज की प्रेस कांफ्रेंस का उद्देश्य उस कार्यालय का उद्घाटन करना है जिसे बाई दीप जीवन भर प्रयासरत रहे हैं और यह बाई दीप का सपना था कि संगठन का एक कार्यालय हो और उस सपने के साथ आज हम इसका शुभारंभ करने जा रहे हैं। इसके बाद फिर लुधियाना, जालंधर, बठिंडा में संगठन के अन्य कार्यालयों को खोलने की कोशिश करेंगे, क्योंकि यह बाई दीप का सपना था। इस बारे में बाबा पलविंदर सिंह तलवार और मंदीप सिंह आपको विस्तार से बताएंगे।
इस अवसर पर दीप सिद्धू के भाई मंदीप सिद्धू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वारिस पंजाब दे संगठन भाई दीप ने संगत के सहयोग से एक सामाजिक संगठन बनाया था, पिछले दो महीनों में भाई की शहादत के बाद फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट और भ्रामक खबरें देखने को मिली हैं। हम इन सभी का खंडन करते हैं, जो न तो कानूनी रूप से मान्य हैं और इस बारे में संगत में बहुत दुविधापूर्ण और असमंजस में था, क्योंकि बाई दीप द्वारा गठित 16 सदस्यीय टीम के अधिकांश सदस्य आज यहां मौजूद हैं जिन्हें भाई दीप ने नियुक्त किया था। और प्रधान हरनेक सिंह उप्पल को थामा, तो नए प्रधान या मुख सेवादार के पद की क्या आवश्यकता है?
कुछ शरारती तत्व संगत और परिवार के खिलाफ झूठा प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं और एक विशिष्ट उद्देश्य या एजेंडे के तहत दीप के साथ जो लोग चल रहे थे उनके खिलाफ गलत प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों ऐसे लोगों से सावधान रहे।
दीप सिद्धू द्वारा गठित यह सामाजिक संगठन को परिवार को पूरा समर्थन देना चाहिए ताकि वे पंजाब के अस्तित्व और शाही दावे के लिए एक साथ लड़ सकें जो दीप का सपना था।
शहीद भाई संदीप सिंह दीप सिद्धू की कमाई और शहादत इतनी महान है कि उन्हें किसी एक संगठन या राजनीतिक दल तक सीमित नहीं रखा जा सकता। दीप सिद्धू सभी से प्यार करते थे और सभी के संपर्क में रहते थे और सभी को अपने साथ लेकर चलते थे। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि दीप की इस सोच पर पूरी तरह अमल होगा. आने वाले दिनों में सभी पंथिक और पंजाब विचारधारा वाले लोगों से संपर्क किया जाएगा। दुबई में बैठे इंग्लैंड के कुछ लोग और पंथ और संगत और परिवार की मंजूरी के बिना वारिस पंजाब जत्थेबंदी का दावा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि शहीद भाई संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू की कमाई और शहादत इतनी बड़ी है कि उसको कोई भी एक संगठन या राजनैतिक पार्टी में बाँध कर नहीं रखा जा सकता। दीप सिद्धू सब को प्यार करता था और सब के साथ सांझ बना कर रखता था और हर किसी को साथ ले कर चलता था। उन्होंने कहा कि हम दीप की इस सोच पर खरा होकर चलने का भरोसा दिलाते हैं। आने वाले दिनों में सभी पंथक और पंजाब प्रति सोच रखने वालों के साथ संपर्क किया जायेगा। कुछ लोग इंग्लैंड से, दुबई से बैठ कर बिना पंथ और संगत और परिवार की परवानगी से बिना वारिस पंजाब दे संगठन पर दावा नहीं कर सकते।
आज यहां दीप के परिवार के साथ वे सभी चेहरे मौजूद हैं जिन्होंने दीप के साथ शुरू से ही जमीनी स्तर पर काम किया है और पंजाब और पंथ की सेवा की है। कोई चेहरा बड़ा या छोटा नहीं होता, सब बराबर होते हैं और सब नौकर होते हैं। हम सभी दीप के परिवार का पूरा सम्मान करते हैं और करते रहेंगे। किसी को यह पूछने का अधिकार नहीं है कि दीप के लिए परिवार का क्या समर्थन था। पूरी दुनिया जानती है कि जब सभी दीप के खिलाफ थे और जब दीप जेल में थे तो उनके परिवार और दोस्त उनके साथ खड़े थे।
उन्होंने बताया कि पंजाब सिख राष्ट्र के असली नायक दीप सिद्धू ऐसी सोच और पवित्र आत्मा हैं। उन्होंने किसी भी राजनीति की परवाह नहीं की, वे सिर्फ प्रधानगी, विधायकों, सांसदों और अन्य पदों पर ठोकर मारते थे। वह न तो अध्यक्ष थे और न ही संगठन के सदस्य, क्योंकि उन्हें लगा कि ये चीजें बहुत छोटी हैं। दीप ने सिर्फ अकाल की राजनीति पर बात की। भाई दीप हमेशा सभी को समान समझते थे और सभी सेवादार के रूप में काम करते हैं तो मुख्य सेवक के पद की क्या आवश्यकता है?
उन्होंने कहा कि अपनी राजनीति, अपनी आध्यात्मिकता और शहादत को स्थापित करने के लिए दीप सिद्धू के नाम का इस्तेमाल करना पंजाब के साथ विश्वासघात है। हम सभी से अनुरोध और चेतावनी भी देते हैं कि कोई भी दीप सिद्धू और उनकी शहादत के नाम पर पंजाब और विदेशों में संगत को गुमराह करने की कोशिश न करे।
मंदीप सिद्धू ने बताया कि आने वाले दिनों में संगठन अपना कार्यक्रम देगा जिसमें बंदी सिखों की रिहाई के लिए संघर्ष किया जाएगा और आने वाले दिनों में एसजीपीसी चुनाव कराने के लिए सभी पंथिक दलों से संपर्क किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दीप सिद्धू मेमोरियल ट्रस्ट बारे जो भी काम काज समाज भलाई और अन्य ज्यरी सूचनाएँ जैसे मैनेजिंग टीम का गठन, आने वाले प्रोजेक्ट जैसे 5 गाँवों को गोद ले कर, जैसे कि दीप का स्वप्न था, कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर सेमीनार आयोजित किये जाएंगे, जिससे दीप की सोच को घर घर तक पहुँचाया जा सके।
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