Wednesday, 6 October 2021

सीनियर एडवोकेट विवेक सूद की ‘राईट टु प्रिवेसी: आर्गुईंग फार दी पीपल’ का सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने किया विमोचन

By 121 News

Chandigarh, October 06, 2021:- वरिष्ठ एडवोकेट विवेक सूद द्वारा लिखित 'राईट टू प्रिवेसी: आर्गुईंग फाॅर दी पीपल' का वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से बुद्धवार को विमोचन किया गया। इस पुस्तक का विमोचन मुख्यातिथि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने किया। इस पुस्तक का फारवर्ड सांसद शशि थरुर ने लिखा है जबकि पुस्तक को एडवोकेट और देश के पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी, लोक सभा सांसद मनीष तिवारी और वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने शानदार प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।

थॉमसन रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक को छह अध्यायों में लिखा गया है। पुस्तक का पहला भाग नागरिकों के लोकतांत्रिक और सूचनात्मक गोपनीयता के मौलिक अधिकार से संबंधित है जिसे भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मान्यता दी गई है और साथ ही इस पर भी बहस करता है क्या 'आधार कार्ड' समाजिक कल्याण, लाभ या फिर निजता के अधिकार के उल्लंघन के संबंध में प्रतिशेद को प्रदान करता है। यह पुस्तक उन पहलूओं पर भी प्रकाश डालती है जिसमें सोशल मीडिया में हुई बातचीत, कॉमर्स व्यापार में हुए ट्रांजैक्शन जैसी आदि गतिविधियां नागरिकों के निजता के अधिकार का हनन कर समाज में परिवर्तनों की शुरुआत करती है। यह पुस्तक उन पहलुओं का भी वर्णन करती है जिसमें बताया कि कैसे अनजाने में उपयोगकर्ता व्यक्तिगत जानकारी साझा कर डिजिटल फुटप्रिंट का अंग बनकर उद्योगों को अपने इनसाईट, ट्रेंड्स और आदतों से अवगत करवाता है।

लांचिंग अवसर पर विवेक सूद ने कहा कि प्रिवेसी कानसेप्ट को लेकर समय के साथ बहुत बदलाव हुये हैं। जैसे जैसे हम डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ते हैं इंटरनेट आधारित सेवाओं पर अपनी निर्भरता बढ़ाते हैं, हम डिजिटल फुटप्रिंट से अपना गहरा नाता जोड़ लेते हैं। उन्होंनें कहा कि सोशल मीडिया के आगमन के साथ ही हमारे दैनिक जीवन का हर पहलू डिजिटल हो गया है और अब प्रत्येक व्यक्ति को अपनी गोपनीयता के उल्लंघन का अधिक खतरा है।

यह पुस्तक एक इंटेलिजेंट डाटा प्रोटेक्शन लॉ की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है और समझाने की कोशिश करती है कि क्यों प्रिवेसी पॉलिसियों (गोपनीयता नीतियों) और गैर सरकारी संस्थाओं की सेवाओं की शर्तों को सरकार द्वारा नियुक्त स्वतंत्र एक्सपर्ट बाँडिज द्वारा अप्रूव किया जाना चाहिए जिससे की किसी की निजता का हनन हो सके।

इस कार्यक्रम का आयोजन लाइव लॉ ने किया है जिसमें लीगल फ्रेटरनिटी के सदस्य, कॉरपोरेट, आईटी पेशेवरों ने वर्चुअल लांच में भाग लिया। यह पुस्तक अमेजन और थॉमसन रॉयटर्स पर उपलब्ध है। 

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