By 121 News
Chandigarh Jan. 15, 2021:- पिछले लगभग दो महीनों से अपनी जायज मांगों को लेकर दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे देश के किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस द्वारा 15 जनवरी, 2021 'किसान अधिकार दिवस' के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर हरियाणा में पार्टी मामलों के प्रभारी श्री विवेक बंसल तथा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। पेट्रोल व डीजल के दामों में लगातार हो रही बेतहाशा वृद्धि का मुद्दा भी बैठक में उठाया गया।
बैठक में उपस्थित समस्त पार्टी नेताओं एवं कार्यकत्र्ताओं ने हरियाणा राज भवन का घेराव करने के उद्देश्य से जब राज भवन की ओर प्रस्थान किया तो चंडीगढ़ पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग करके कांग्रेसजनों को रोका लिया तब दोनों पक्षों में काफी बहस हुई। जब कांग्रेसजनों ने पीछे हटने से साफ इंकार कर दिया तो पुलिस ने विवेक बंसल, कुमारी सैलजा, चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी सहित अन्य नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें अलग-अलग थानों में ले गए और बाद में सभी को रिहा कर दिया गया। थाने जाते समय और थानों में भी कांग्रेसजन पूरी गर्मजोशी से भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए।
इस अवसर पर बोलते हुए विवेक बंसल ने कहा कि इन काले कानूनों से किसान, आढ़ती, मजदूर तो बर्बाद होंगे ही बल्कि आम जनता को भी इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यह सरकार अपने कुछ पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रख कर काम करती है, देश की इन्हें कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा इस आंदोलन को कुचलने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में देश का किसान एकजुट है। देश में लगातार बढ़ रही पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर कटाक्ष करते हुए श्री बंसल ने कहा कि नवीनतम वृद्धि के साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतें पिछले 73 वर्षों में सर्वाधिक है जिससे उपभोक्ता पर बहुत ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ रहा है परंतु मोदी सरकार की सोच अपने कुछ उद्योगपति मित्रों तक ही सीमित रह गई है।
बैठक को संबोधित करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार पहले तो कोरोना के समय चुपचाप कृषि-विरोधी तीन अध्यादेश लाई थी परंतु जब कांग्रेस पार्टी ने इसका डटकर विरोध किया तो मोदी सरकार ने चोर रास्ते से बिलों को पारित कर दिया। उन्होनें कहा कि इन बिलों को पारित करने से पहले भाजपा सरकार ने न तो किसी कमेटी का गठन किया और न ही स्टेक होल्डरज़ से कोई बातचीत की। यह परंपरा रही है कि राज भवन में कोई भी बिल शोर-शराबे में पारित नहीं किया जाता परंतु भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटकर कृषि विरोधी तीन काले कानून पारित कर दिए। देश का किसान, मजदूर इन कानूनों का विरोध कर रहा हैं परंतु अहंकारी भाजपा सरकार उनकी आवाज सुनने को तैयार नहीं है।
उन्होनें कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुरू से इन काले कानूनों का खुलकर विरोध कर रहे हैं परंतु मोदी सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। नोटबंदी से लेकर ये तीन काले कानूनों को लाने का एकमात्र यही उद्देश्य है कि मोदी सरकार अपने कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का स्टैंड इन बिलों के खिलाफ है। कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक लड़ाई है और सडक़ों पर, विधान सभा, लोक सभा तथा राज्य सभा में भी यह लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ही देश में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो मोदी सरकार के तानाशाही रवैये और जन-विरोधी फरमानों के खिलाफ लगातार आवाज उठाते आ रहे हैं।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार भ्रामक प्रचार कर रही है कि किसानों के इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस पार्टी का हाथ है। उन्होंने भाजपा को चेताते हुए कहा कि हमारे देश का किसान बहुत समझदार है उसे बरगलाया नहीं जा सकता, हमारे किसान को अपने नफे-नुकसान का पूरा ज्ञान है। कांग्रेस पार्टी राजनीति की लड़ाई लड़ रही है और किसानों की इस लड़ाई में अपने अन्नदाता के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है और जब तक मोदी सरकार ये काले कानून रद्द नहीं कर देती तब तक कांग्रेस पार्टी किसानों के हितों की लड़ाई लड़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ बातचीत के नाम पर ड्रामा करके किसानों को बरगलाने का कार्य कर रही है।
उन्होंने पार्टी नेताओं एवं कार्यकत्र्ताओं को आह्वान किया कि हम सभी को सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुटता के साथ मोदी सरकार की जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी है। आज हरियाणा की भाजपा-जजपा व केन्द्र की मोदी सरकार को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में तो ऐसी स्थिति बन चुकी है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को उनके गृह जिले तक में कार्यक्रम करने नहीं दिया जा रहा है। इसी प्रकार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री को जनता के गुस्से के चलते अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। आम जनता ही नहीं बल्कि निर्दलीयों सहित भाजपा-जजपा के कुछ विधायक भी सरकार की खामियों से दुखी हैं, ऐसी सरकार कितने दिन चलेगी। उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर भाजपा सरकार को स्वंय इस्तिफा दे देना चाहिए, परंतु इनमें नैतिकता बची ही नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दिन लद चुके हैं, जब जनता खड़ी हो जाती है तो बड़े से बड़ा तानाशाह नहीं टिक सकता। उन्होंने आह्वान किया कि कृषि विरोधी काले कानूनों तथा पेट्रोल व डीजल की कीमतों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के उद्देश्य से बैठक के तुरंत बाद हरियाणा राज भवन का घेराव किया जायेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को जिस तरह गुमराह करके यह ठगबंधन बना है उसे आज प्रदेश का हर नागरिक समझ चुका है और भाजपा-जजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठा है। उन्होंने कहा कि हर बार भाजपा सरकार द्वारा दावे किए जाते हैं कि एक-एक दाना खरीदा जाएगा, लेकिन जब फसल खरीद का समय आता है तो किसानों को किस तरह से परेशानियां झेलनी पड़ती है यह किसी से छुपी नहीं हैं। यह सरकार पूरी तरह से किसान, मजदूर विरोधी सरकार है। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि विरोधी काले कानून इसका जीता जागता सबूत हैं। कांग्रेस पार्टी ने पूरे जोर-शोर से विधानसभा के अंदर इन काले कानूनों का विरोध किया और आगे भी करती रहेगी।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि लाखों किसान दिल्ली की सीमा पर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। देश का 62 करोड़ अन्नदाता, गरीब खेत मजदूर, अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्गों के लोग, साधारण किसान पूरे देश में जगह-जगह आंदोलनरत है और मोदी सरकार द्वारा बनाये गए तीन काले कानूनों को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। कोई दिन नहीं जाता जब एक से अधिक किसान काल का ग्रास नहीं बन जाता, परंतु प्रधानमंत्री जी ने आज तक सांत्वना का एक शब्द देश के अन्नदाता के लिए नहीं कहा। देश का किसान केवल एक मांग कर रहा है और वो मांग है तीन काले कानून खत्म करिए। परंतु मोदी सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है और इन तीन काले कानूनों के माध्यम से सरकारी खरीद, राशन प्रणाली और न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को समाप्त करना चाहती है।
बैठक के आरंभ में काले कानूनों का विरोध करते हुए अपनी जान न्यौछावर करने वाले 60 से अधिक किसानों तथा पिछली बैठक और आज की बैठक के अंतराल में प्रभु चरणों में विलीन हो चुके पार्टी नेताओं पूर्व सांसद पंडित रामजी लाल, पूर्व उपराज्यपाल चन्द्रावति, पूर्व मंत्री ओमप्रकाश जैन, पूर्व विधायक देवराज दीवान, प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय सचिव सरदार महेन्द्र सिंह तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा के मीडिया सलाहकार राकेश तनेजा को दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
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